राजस्थान की धरती पर रविवार को देश के हर क्षेत्र की बड़ी हस्तियों का संगम हुआ। मौका था देश के बड़े सनातनी और पार्लियामेंट्री नेता घनश्याम तिवाड़ी के दो पोत्रों के उपनयन संस्कार का। भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य और प्रखर विद्वान नेता घनश्याम तिवाड़ी इन दिनों देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद में बैठते हैं।सत्य सनातन संस्कृति के संस्कार तिवाड़ी और उनके परिवार में कूट कूट कर भरे हुए हैं। जिन बालकों का उपनयन यज्ञोपवित संस्कार हुआ है, उनमें चिरायुष्मान हरी सिद्ध तिवाड़ी और तेजस तिवाड़ी हैं। दोनों ने इस पावन पवित्र अवसर पर जब वेद मंत्रों का सस्वर पाठ किया और ऋचाएं बोली तो देश के ख्यातनाम संतों के अलावा भारत भर से आई बड़ी बड़ी हस्तियों के हाथ इन बच्चों को आशिर्वाद देने के लिए उठ खड़े हुए। राजस्थान में बीजेपी के वरिष्ठतम नेता घनश्याम तिवाड़ी के यहां आयोजित समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह (गज्जू बना), विधानसभा अध्यक्ष देवनानी समेत कई केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकार के उप मुख्यमंत्री, अनेक मंत्री, बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ और बीजेपी के अनेक छोटे बड़े नेता, प्रदेश के टॉप ब्यूरोक्रेट्स और मीडिया जगत की बड़ी बड़ी हस्तियों ने सत्य सनातन को बढ़ावा देने वाले इस गरिमापूर्ण समारोह में शिरकत की। समारोह में देश के बड़े संत मलूक पीठाधीश्वर रेवासा धाम के अग्रपीठाधीश्वर पूज्य श्री राजेन्द्र दास महाराज विशेष आकर्षण का केंद्र थे। योग गुरू बाबा रामदेव जी महाराज इसी आयोजन के लिए विशेष रूप से जयपुर आए। तिवाड़ी के बुलावे पर देश भर से आए अनेक विद्वान संत, गौ सेवक और वेद पाठी पण्डित भी हरिहर मंदिर में भगवान के विग्रह के दर्शन कर आयोजन की शोभा बढ़ा रहे थे।तिवाड़ी ने तो यह आयोजन सत्य सनातन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया था पर इस समारोह में राजनीति के पितामह माने जाने वाले तिवाड़ी का भारी जलवा बिखरा। मझे हुए बीजेपी के नेता तिवाड़ी का स्वाभाविक आदर सम्मान इस मौके पर खूब प्रकट हुआ। मैनें तिवाड़ी का एक जमाने में ऐसा राजनेतिक जलवा देखा है, जिसमें चारों तरफ प्रदेश भर में तिवाड़ी का ही शंखनाद गूंजा करता था। राजनेतिक शुचिता और सभी दलों के नेताओं से मधुर संबंधों को स्थापित रखने की संस्कृती के पोषक तिवाड़ी के यहां पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत का पूरे समय मौजूद रहना भी कोई कम बात नहीं है। यहां दोनों की उपस्थिति भी आकर्षण का केंद्र थीं। सभी दलों के नेताओं ने तिवाड़ी को इस मौके पर आकर बधाई दी। सांसदों, विधायकों, पूर्व मंत्रियों और बीजेपी व आरएसएस के मूल नेता व कार्यकर्ताओं का मेला यहां लगा हुआ था। इन तमाम नेताओं की मौजूदगी और सत्य सनातन के पवित्र मौके पर हुआ इनका संगम प्रदेश की राजनीति को नया और बड़ा संदेश देकर गया है। तिवाड़ी के ज्येष्ठ पुत्र अखिल तिवाड़ी अमेरिका की नामचीन यूनिवर्सिटी में अपनी सनातनी विद्वता और ज्ञान के चलते भारतीय संस्कृती का परचम लहरा रहे हैं। दूसरे पुत्र आशीष तिवाड़ी भी संस्कार की राजनीति और समाज सेवा में समर्पित हैं। दोनों के पुत्रों का उपनयन संस्कार घनश्याम तिवाड़ी ने अपनी मौजूदगी में विधि विधान और वेद सम्मत नियमों का पालन करते हुए कराया है।
राम राम करने से पहले मित्रों आज इतना ही कि सनातन संस्कृती को बढ़ावा देने के लिए केवल जुबान चलाने और अवसर को भुनाने से काम नहीं चलेगा, इसके लिए जिम्मेदार नेताओं, समाज के अग्रणीयजनों को आगे आकर इस तरह के आयोजनों के माध्यम से संस्कार और संस्कृती को आत्मसात करना ही होगा। मित्रों देश में सुख, शांति और सामाजिक समरसता अनुशासन और संस्कार से ही संभव है।शेखावाटी के सीकर की धरती पर जन्में घनश्याम तिवाड़ी की संस्कारों की पाठशाला संघ रहा है। राजनीति का ककहरा तिवाड़ी के पिता तुल्य गुरु बाबो सा भेंरोसिंह शेखावत ने हाथ पकड़कर उन्हें सिखाया था।बीजेपी में तिवाड़ी उन नेताओं में से हैं, जो पूरे प्रदेश को अपने कदमों से उस समय नाप चुके हैं तब साधन सीमित थे। तिवाड़ी का पार्टी की छोटी से छोटी इकाई के कार्यकर्ता से सीधा जुड़ाव आज भी कायम है। राजस्थान की मिटटी की इस खुशबू ने अपनी अनूठी राजनीति की अदा से पूरे भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में वाकपटुता के साथ साथ विद्वता की भी छाप छोड़ी है तिवाड़ी ने अपना और राजस्थान का मान सम्मान बरकरार रखा है। सत्य सनातन को बढ़ावा देने के लिए तिवाड़ी जी और उनके परिवार को अनंत शुभकामनाएं।