अलवर (ब्यूरो): दलित अधिकार केंद्र के तत्वाधान में मालाखेड़ा तहसील के ग्राम सुमेल में दलित महिला समूह के साथ चर्चा बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में केन्द्र के जिला समन्वयक शैलेष गौतम ने कहा कि दलित महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और कानूनी अधिकारों में अनेकों चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें जातिगत भेदभाव, लिंग आधारित हिंसा, उत्पीड़न, शोषण, गरीबी, न्याय तक पहुंच में बाधा और उनकी शिक्षा तक सीमित पहुंच शामिल हैं। इनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए, सरकार और नागरिक समाज दोनों को मिलकर काम करना होगा। दलित महिलाओं के अधिकारों एवं उनके विकास के लिए कानून का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन, भेदभाव के खिलाफ जागरूकता, महिला सशक्तिकरण के लिए कार्यक्रम, हिंसा, शोषण, उत्पीड़न एवं जातिगत व लिंग भेदभाव के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही और सामुदायिक रूप से भागीदारी के कदम बढ़ाने होंगे ताकि दलित महिलाओं का सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक विकास संभव हो सके। समूह अध्यक्ष सुशीला देवी ने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्वरोजगार हेतु ऋण योजनाओ एवं अनुसूचित जाति उप योजना के बारे में बताते हुए कहा कि दलित महिलाओं को अपने संवैधानिक अधिकारों, कानून एवं योजनाओं की जानकारी होना बेहद जरूरी है। दलित महिलाओं को शिक्षा पर अत्यधिक जोर देने की आवश्यकता है तभी दलित महिलाएं सशक्त हो पाएंगी। इस मौके पर निर्मला, सुमन, कौशल्या देवी आदि ने भी अपने-अपने विचार रखें।