निवाई (लालचंद सैनी): सिंधी कॉलोनी में स्थित झूलेलाल धर्मशाला में उदयपुर के पुष्करदास महाराज के सानिध्य में संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ कलशयात्रा के साथ हुआ। श्रद्धालु हेमंतदास फुलवानी ने बताया कि श्याम बाबा मंदिर में भागवत की पोथी एवं कलशों का विधि विधान से पूजन किया गया। इसके बाद पोथी को भगवान के चरणों में रखकर कलश यात्रा का शुभारंभ किया गया। कलश यात्रा का श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पुष्प वर्षा करके स्वागत किया। कलश यात्रा में महिलाएं भजनों पर नृत्य करती हुई चल रही थी। कलश यात्रा में कथा व्यास संत पुष्करदास महाराज, टोंक के स्वामी तुलसीदास, दादू आश्रम के स्वामी प्रकाशदास महाराज सहित यजमान सोनू फुलवानी ने परिवार के साथ भागवत की पोथी को सिर पर धारण किया। कथा में महाराज ने कहा आज के समय में चारों तरफ दुख व अशांति हो रही है। जो भगवान की शरण में आए उन्हें शांति अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि सत्संग रूपी ठंडक में जो आएगा उन्हें शांति मिलेगी। सत्संग से जुडऩे से संताप कम होता है। भागवत ग्रन्थ इसलिए कहते है क्यों कि यह ग्रन्थ मन की गांठों को खोलता है। भजन व कथा का श्रवण करने से मन प्रसन्न रहता है। उन्होंने कहा कि तन, मन व धन का सही उपयोग करने की जरूरत है। उन्होंने कहा मेहनत से कमाए ओर शुभ कार्य में खर्च करने से लक्ष्मी प्राप्त होती है। गलत कार्य में खर्च हो उसे अर्थ कहा जाता है। पैसा तो कई लोगों के पास है लेकिन सत्कर्म में सभी खर्च नहीं कर सकते हैं। हेमंतदास फुलवानी ने बताया कि सिंधी धर्मशाला में प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक कथा का आयोजन हो रहा है।
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