निवाई (लालचंद सैनी): गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी के ससंघ की आर्यिका ज्ञानश्री व ज्ञायकश्री माताजी का आदित्य सागर महाराज ससंघ से विज्ञातीर्थ पर वात्सल्य मंगल मिलन हुआ, जिसमें आर्यिका माताजी ने महाराज ससंघ की भावभीनी आगवानी की। विज्ञातीर्थ अध्यक्ष सुनिल भाणजा व मीडिया प्रभारी विमल जौंला ने बताया कि आदित्य सागर महाराज व आर्यिका ज्ञानश्री माताजी के ससंघ मंगल मिलन में जयपुर, निवाई, चाकसू, कोटा, भीलवाडा, टोंक, कौथून, बूंदी व देवली सहित कई स्थानों से श्रद्धालु शामिल हुए। माताजी ने मंगल उद्बोधन देते हुए कहा कि क्षेत्र पर पूज्य महाराज ससंघ का मंगल प्रवेश हुआ है, जिससे सभी श्रद्धालुओं को अपार आनन्द की अनुभूति हुई है। माताजी के प्रवचन के पश्चात महाराजश्री ने मंगल प्रवचन देते हुए कहा कि व्यवहार में मृदुता हो वाणी में मधुरता हो तो सब अपने है। कभी आपस में मन मुटाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अपना व्यवहार ऐसा बनाओ कि जहां हम जाये, वहां सब हमारा इंतजार करें और जहां से हम जाये, वहां सब हमें याद करें। इस दौरान महाराजश्री ने सहस्रकूट विज्ञातीर्थ का अवलोकन करके मंगल आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि सहस्रकूट विज्ञातीर्थ पर शीघ्रातिशीघ्र ही जिनालय का कार्य निर्विघ्न संपन्न करवाकर ऐतिहासिक पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का बड़े हर्षोल्लास धूमधाम से आयोजन किया जाए।
आदित्य सागर महाराज व आर्यिका ज्ञानश्री माताजी के ससंघ का हुआ मंगल मिलन
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June 17, 2025
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