अलवर (ब्यूरो): दलित अधिकार केन्द्र के प्रतिनिधिमण्डल द्वारा जिला कलेक्टर, अलवर के नाम अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989, संशोधन अधिनियम 2015 व संशोधित नियम 2016 के नियम 17 व नियम 17 (क) के अन्तर्गत जिला स्तरीय एवं उपखण्ड स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समितियों का गठन करने तथा कमेटियों की नियमित बैठके सुनिश्चित करने हेतु 8 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन पत्र अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर श्रीमती बीना महावर को सौंपा गया।
केन्द्र के जिला समन्वयक शैलेष गौतम ने बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989, संशोधित नियम 2016 की धारा 17 के अन्तर्गत जिला स्तरीय सतर्कता व मॉनिटरिंग समिति एवं नियम 17 क के अन्तर्गत उपखण्ड स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति का गठन करने का प्रावधान है किन्तु उक्त संशोधित अधिनियम 2016 के लागू होने के 8 वर्ष बाद भी उपखण्ड स्तरीय समितियों का गठन नहीं किया गया है और ना ही जिला स्तरीय समिति का पुनर्गठन किया गया है, जबकि जिला कलेक्टर को उक्त अधिनियम व उसके समस्त नियमों के अन्तर्गत उनके समस्त प्रावधानों की प्रभावी क्रियान्विती हेतु कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है तथा प्रभावी व आवश्यक कदम उठाने के लिए कलेक्टर को अधिकार प्रदान किए गये है। ज्ञापन में एससी एसटी एक्ट के नियम 12 (4) व नियम 12 (4) (अ) के अन्तर्गत अत्याचार से पीड़ितों को आर्थिक मुआवजा, दैनिक भत्ता, भरण पोषण, व्यय व राहत ईत्यादि को तय समय सीमा के अन्दर उपलब्ध करवाने, जिला स्तरीय व उपखण्ड स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समितियां का गठन करने, धारा 15 क के अन्तर्गत अत्याचार से पीड़ितों और साक्षियों के अधिकारों को सुनिश्चित कर उनके समस्त अधिकारों को समस्त प्रशासनिक अधिकारियों को जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक द्वारा उक्त नियमों को प्रभावी रूप से लागू करने के दिशा निर्देश जारी करने, नियम 17 (क) अन्तर्गत गठित जिला स्तरीय कमेटी की नियमित बैठके करने व समस्त सदस्यों की उपस्थिति सुनिश्चित करने, बैठकों में जांच अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत की गई अंतिम रिपोर्ट पर गहराई से समीक्षा करने व दलित उत्पीड़न के प्रत्येक केस में एफआर लगने के कारणों पर गहनता से समीक्षा कर जांच अधिकारी को गहनता से जांच करने के दिशा निर्देश जारी करने, उक्त बैठकों में आब्जर्वर के रूप में एडवोकेट, एनजीओ के प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व अनुभवी दलित पीड़ितों को विशेष सदस्यों के रूप में आमंत्रित करने, बैठकों की समस्त कार्यवाहियों को अखबारों, टीवी चैनलो व वेबसाइटों के माध्यम से प्रचारित कर लोगों को अवगत करवाने, एससी एसटी एक्ट संशोधित नियम 2016 का सघन प्रचार प्रसार करने के लिए जिला स्तर पर बजट का प्रावधान करने, एक्ट की प्रभावी क्रियान्विति हेतु पुलिस अधीक्षक, जांच अधिकारी, थाना अधिकारी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी व प्रशासन के अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करवाने, कमेटियों की त्रैमासिक बैठकें मार्च, जून, सितम्बर व दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह में नियमित रूप से आयोजित करने की मांगे की गई। इस मौक पर केन्द्र के जिला समन्वयक शैलेष गौतम, शंकर लाल बौद्ध, बनेसिंह जाटव, उदय सिंह सम्मिलित रहे।