जयपुर: राधा विहार विकास समिति, जयपुर ने रविवार को नगरीय विकास एवं आवास मंत्री झाबर सिंह खर्रा को एक ज्ञापन सौंपकर जेडीए के अधिकारियों ने मिलीभगत कर 90ए आदेश जारी करने का आरोप लगाया।
मंत्री को दिए ज्ञापन में समिति ने बताया कि राधा विहार कॉलोनी में वर्षों से लोग मकान बनाकर रह रहे हैं और वर्ष 2017 से जेडीए में कॉलोनी की अनुमोदन की मूल फाइल विधिवत प्रक्रिया के तहत लंबित है। इसके बावजूद जेडीए अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार करते हुए एक नकली कागजी योजना के आधार पर उसी कॉलोनी में दूसरी 90ए प्रक्रिया को मंजूरी दे दी और पहले से चल रही फाइल को नदारद कर दिया। समिति ने आरोप लगाया कि यह कार्यवाही पूरी तरह से मिलीभगत का परिणाम है, जिसमें कुछ अधिकारियों ने निजी स्वार्थ और भूमाफिया के दबाव में आकर पारदर्शिता और नियमानुसार प्रक्रिया को नजरअंदाज किया है।
इस संबंध में कॉलोनीवासियों ने मांग की कि राधा विहार कॉलोनी की मूल 2017 से लंबित फाइल को प्राथमिकता के साथ निपटाया जाए। फर्जी योजना के आधार पर जारी 90ए आदेश को रद्द किया जाए।
दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने समिति की बातों को गंभीरता से सुना और कॉलोनीवासियों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि संबंधित मामले की उचित जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी और राधा विहार के निवासियों को किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। मंत्री ने कॉलोनीवासियों को चिंतामुक्त रहने का आश्वासन दिया।