(आयुष अंतिमा नेटवर्क)
जैसे ही ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, होश उड़ गए आंतकीयों के। तुमने क्या सोचा था पाकिस्तानियों, तुम उजाड़ोगे हमारे ही सामने हमारा सुहाग तो हम चुप बैठेंगे। तुम क्या जानो हमारे सिंदूर की कीमत को, हम शेर शेरनीयां हैं हिंदुस्तान की, निहत्थे, निर्दोष सैलानियों पर चलाई गोलियां और खुद को शेर समझ बैठे। जब हुए तुम्हारे ठिकाने तहस-नहस तब जाना तुमने सिंदूर की कीमत को। जब खत्म हुए परिवार तुम्हारे देखा तुमने अपनी आंखों से। त्राहि त्राहि मची है तुम्हारे
पाकिस्तान में, सजा तो तुम्हें भुगतानी होगी। इससे न बच पाओगे तुम कब तक छुपकर बैठोगे, ढूंढ ढूंढ तुम्हें मार गिराएंगे। सरहदों पर डटे हमारे वीर जवान, खा लें चाहे सीने पर गोलियां, रही सदा चेहरे पर मुस्कान है।
कम ना समझो नारी को
व्योमिका, सोफिया ने रूपधरा
रण चंडी का, अब ना पीछे हटेंगे कायरो बहुत तुमने रुलाया है। बर्बरता की हद पार करी जो तुमने तरसो तुम अब पानी को, आग लगी है सीने में अब ना
तुम बच पाओगे। छिड़ी जो अब लड़ाई है ना छोड़ेंगे, तुम्हें कसम ये उन्होंने खाई है, सरहद पर खड़े जवानों को जो शहीद हुए भारत मां के लिए
उनको दिल से मेरा सलाम है,
जय हिन्द जय भारत माता ।