अलवर (ब्यूरो): राष्ट्रीय कवि संगम, जिला अलवर व महाराणा प्रताप स्मृति एवं शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में शिवाजी पार्क अलवर में स्थित महाराणा प्रताप सामुदायिक भवन में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता संयुक्त व्यापार महासंघ शिवाजी पार्क अलवर के संरक्षक अशोक अवस्थी ने की। विशिष्ट अतिथि डॉ.अशोक पाठक अध्यक्ष महाराणा प्रताप स्मृति एवं शोध संस्थान अलवर रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में उपस्थित सभी अतिथियों द्वारा महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। कवि सम्मेलन का प्रारंभ कवयित्री रेणु मिश्रा की सरस्वती वंदना 'मां शारदे वंदना के कुछ चरण कहूं से' हुआ। वीर रस के वरिष्ठ कवि व राष्ट्रीय कवि संगम जयपुर प्रांत के अध्यक्ष योगेश वशिष्ठ ने कविता, ऐसा लगा कि सिंहासन पर भारत बैठा है व इतिहास पढो तो एक पाठ बस वीर प्रताप जरूर पढो पढ़कर श्रोताओं को जोश से भर दिया। कवि मनीष मनु द्वारा खिलौने सब रखे थे पास उसके, उसे बचपन दुबारा चाहिए था ग़ज़ल पढ़ी, जिस पर श्रोताओं द्वारा खूब ताली बजाई गई। कवि एवं गीतकार डॉ.अरुण शर्मा ने रहा हौसला गढ़ के जैसा पर्वत जैसी आन, मातृभूमि के लिए हमेशा रहे समर्पित प्राण और हे कृष्ण चले आओ, वो चक्र फिर चलाओ गीत पढ़कर कवि सम्मेलन को सरसता प्रदान की, जिसमें श्रोता झूम उठे। हेमंत शर्मा विप्र ने रगों में है लहू राष्ट्र का, जयचंद हमको स्वीकार नहीं कविता पढ़कर खूब रंग जमाया। कवयित्री रेणु मिश्रा द्वारा देशभक्ति गीत भारत मां के बेटे हैं, इसका कर्ज चुकाएं हम सुनाया तो श्रोताओं ने जोरदार तालियों से सराहा। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवि योगेश वशिष्ठ ने किया। कवि सम्मेलन में डॉ.पंकज शर्मा, राजेन्द्र राजा, हरीराम यादव, सतीश यादव, रामजीलाल शर्मा, महेन्द्र शर्मा, गोविन्द सैनी, गजेन्द्र सिंह, प्रदीप सोनी, अशोक शर्मा, मुकेश गुप्ता, ममता गुप्ता, विजय भारद्वाज, कमला सेन आदि गणमाण्य व्यक्ति उपस्थित रहे। डॉ.अशोक पाठक ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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