सिंदरली (ब्रह्मप्रकाश शर्मा): श्री श्री 1008 श्री लक्ष्मी भारती जी महाराज का 23वां वार्षिक महोत्सव एवं महाप्रसादी का आयोजन सुबह 108 कलश यात्रा से प्रारंभ हुआ। सुबह मातृशक्ति द्वारा कलश यात्रा का आयोजन किया गया, साथ ही वरघोड़ो भी निकाला गया। महिलाओं ने ढोल व बैंड पर भजनों पर नृत्य किया, गांव के चारों ओर वरघोड़ो निकाला गया। उसके बाद ग्रामीणों द्वारा बैठक का आयोजन किया। शाम को राजस्थान के सुप्रसिद्ध भजन गायक महावीर सांखला एंड पार्टी नागौर द्वारा शानदार भजन संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नारायण सिंह (विकास अधिकारी रानी), अमर सिंह (देसूरी प्रधान प्रतिनिधि), एडवोकेट हीर सिंह राजपुरोहित आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे। राजस्थान के सुप्रसिद्ध भजन गायक महावीर सांखला एंड पार्टी नागौर द्वारा शानदार भजन पर श्रद्धालु नाचने पर आतुर हो गए। सिंदरली का वातावरण भक्तिमय हो गया। सभी ने श्री लक्ष्मी भारती जी के जयकारे लगाए। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में श्रद्धालु लोग उपस्थित हुए।
*महाप्रसादी को लेकर पिछले 2 दिन से लड्डू बनाने गए*
महाप्रसादी के कार्यक्रम और मेले के आयोजन को लेकर ग्रामवासीयो में बहुत उत्सुकता थी। महाप्रसादी को लेकर पिछले 2 दिन से लड्डू बनाने गए कार्य चला, जिसे महाप्रसादी में वितरण किया गया।
*आसपास के 25 गांव के श्रद्धालु उपस्थित हुए*
वार्षिक मेले को लेकर सिंदरली ग्राम पंचायत के आसपास के 25 गांवो को भी निमंत्रण दिया गया था। अनुमान के अनुसार यहां पर हजारों की संख्या में लोग उपस्थित हुए तथा महाप्रसादी का आनंद प्राप्त किया।
*राजस्थान के बाहर राज्यों से भी उपस्थित हुए श्रद्धालु*
कार्यक्रम में राजस्थान ही नहीं बल्कि गुजरात, महाराष्ट्र, केरल व अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु लोग इस मेले में उपस्थित हुए। श्रद्धालुओं का कहना है कि श्री लक्ष्मी भारती जी के प्रति हमारी आस्था है और हर वर्ष हम परिवार सहित इस कार्यक्रम में उपस्थित होते हैं।
*मेला आयोजन कमेटी द्वारा सफल रहा आयोजन*
मेला आयोजन कमेटी द्वारा 23वें वार्षिक समारोह के हर व्यवस्था का ध्यान दिया गया। हर कार्य के लिए अलग से टीम बनाकर कार्य किया गया। हर व्यवस्था का पूर्ण ध्यान दिया गया ओर मेले का सफल आयोजन किया गया।
*राजस्थानी परिधान में महिलाएं भी मेले में हुई उपस्थित*
23वें वार्षिक मेले व महाप्रसादी को लेकर महिलाओं में भी काफी उत्साह था। सुबह कलश यात्रा से शाम को भजन संध्या तक आपका जोश देखने लायक था। राजस्थानी परिधान में महिलाएं भी मेले में उपस्थित हुई ओर श्री लक्ष्मी भारती जी के भजनों पर नृत्य भी किया।