शेखावाटी की धरा संतो की तपोभूमि व कर्मस्थली होने के साथ ही वीर प्रसूता भुमि के नाम से भी विख्यात रही है लेकिन खासकर झुंझुनूं जिले को वीरों की धरा होने का गौरव हासिल है। इस मिट्टी के कण कण में मातृभूमि की रक्षार्थ का उद्घोष सुनाई पड़ता है। इस जिले की धरती को वीरो की धरा बनाने में उन सैनिकों का बलिदान है, जो अपनी मातृभूमि की रक्षार्थ शहीद होकर इतिहास में अपना नाम अमर कर गये। उसी धरा के अमर सेनानी पीरूसिंह शेखावत का जन्म 20 मई 1918 को झुंझुनूं जिले के बेरी गांव में हुआ था। पीरूसिंह शेखावत को 20 मई 1936 को झेलम में पंजाब रेजिमेंट की 10वी बटालियन में नामांकित किया गया था। उनका प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद उसी रेजीमेंट की 5वी बटालियन में तैनात किया गया। 7 अगस्त 1940 को उन्हें लांस नायक के पद पर पदोन्नत किया गया। फ़रवरी 1942 में उन्हें हवलदार के पद पर पदोन्नति मिली। मई 1945 में उन्हें कंपनी हवलदार मेजर का पद मिला। उसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के बाद ब्रिटिश कामनवेल्थ आकयूपेशन फोर्स के हिस्से के रूप में उन्हें राजपुताना राइफल्स की छठी बटालियन में स्थानांतरित कर दिया गया। 18 जुलाई 1948 को भारत पाक युद्ध के दौरान 6 राजपुताना राइफल्स के सीएचएम पीरूसिंह को जम्मू कश्मीर के तिथवाल में शत्रुओं द्वारा एक पहाड़ी पर आक्रमण कर कब्जा करने का काम सौपा गया। हमले के दौरान उन पर भारी गोलाबारी की गई और हथगोला फेंका गया। घायल पीरु सिंह ने दुश्मन के बंकरों को बर्बाद कर दिया। जब दुश्मन ने उन पर हथगोला फेंका तो लहूलुहान चेहरे के साथ रेंगते हुए आगे बढ़े और अंतिम सांस लेने से पहले दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर दिया। उत्कृष्ट वीरता तथा अदम्य शौर्य व साहस का प्रदर्शन करने और सर्वोच्च बलिदान देने के फलस्वरूप कंपनी हवलदार मेजर बीरू सिंह शेखावत को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। यह सम्मान जो शत्रु के सामने वीरता प्राप्त करने के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च भारतीय सम्मान है। यह जिले के लिए भी गौरव हासिल करने वाला क्षण था कि राजस्थान में पहला परमवीर चक्र सम्मान था।
परमवीर चक्र से सम्मानित झुंझुनूं जिले के अमर शहीद कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत के लिए एक कवि के उदगार: टिथवाल की घाटिया, विकट पहाड़ा जंग। शेखों कियो अद्भुत समर, रंग पीरूती रंग।।
झुंझुनूं के वीर शहीद परमवीर चक्र विजेता कंपनी हवलदार मेजर पीरु सिंह शेखावत को आयुष अंतिमा (हिन्दी समाचार पत्र) परिवार की श्रध्दा पूर्वक श्रद्धांजलि।