जयपुर: महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय संग्रहालय ट्रस्ट द्वारा सिटी पैलेस, जयपुर में 21 मई, बुधवार को सांस्कृतिक विरासत प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया जाएगा। शिविर का उद्घाटन सिटी पैलेस के सर्वतोभद्र चौक में होगा। एक माह तक चलने वाले इस शिविर में प्रतिभागियों को चित्रकला, आला गिला, आराईश, ध्रुवपद, कथक, बांसुरी, कैलीग्राफी, ठीकरी जैसी पारम्परिक कलाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह शिविर पारम्परिक कलाओं की प्रतिनिधि संस्था 'रंगरीत' तथा 'सरस्वती कला केन्द्र' के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
संग्रहालय एवं ट्रस्ट के निदेशक, वैभव चौहान ने इस शिविर के बारे में बताया कि "हमारी विशाल और समृद्ध पारम्परिक कलाओं की बारिकियों से रू-ब-रू कराने के उद्देश्य से यह सांस्कृतिक विरासत प्रशिक्षण शिविर प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी आयोजित किया जा रहा है। यह शिविर सभी आयु वर्ग के लिए खुला है, जहां उन्हें प्रसिद्ध कला विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न पारंपरिक कला रूपों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह सभी प्रतिभागियों के लिए एक अद्भुत और समृद्ध अनुभव होगा। शिविर में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण देने के लिए विभिन्न कलाओं के विशेषज्ञ शामिल हैं। इसमें रामू रामदेव और बाबूलाल भारोदिया द्वारा 'पारम्परिक चित्रकला' का प्रशिक्षण दिया जाएगा। डॉ.नाथूलाल वर्मा आला गिला (फ्रेस्को) और आराईश का प्रशिक्षण देंगे। वहीं, जयपुर घराने का 'ध्रुवपद' डॉ.मधुभट्ट तैलंग द्वारा और जयपुर घराने का 'कथक एवं लोकनृत्य' डॉ.ज्योति भारती गोस्वामी द्वारा सिखाया जाएगा। 'बांसुरी' का प्रशिक्षण आरडी गौड़ द्वारा प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार, हिंदी और अंग्रेजी में कैलीग्राफी और पोट्रेट का ललित शर्मा के निर्देशन में प्रशिक्षण दिया जाएगा। डॉ.ब्रजमोहन खत्री वैदिक ज्योतिष का ज्ञान देंगे। इसके अतिरिक्त, इस वर्ष, शिविर के दौरान बद्री नारायण कुमावत 15 दिन के लिए ठीकरी (मिरर) कला की बारीकियों से अवगत कराएंगे।