जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): गुलाबी नगरी जयपुर आज एक ऐतिहासिक बौद्धिक विमर्श की साक्षी बनी, जहाँ संविधान निर्माता बीएन राव: इतिहास का विस्मरण या अन्याय ? विषय पर राष्ट्रीय विचार विमर्श आयोजित किया गया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में देश के प्रखर वक्ता, राष्ट्र चिंतक एवं शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज ने संविधान, राष्ट्रवाद और सामाजिक न्याय जैसे मूलभूत विषयों पर विस्तार से विचार प्रस्तुत किए। इस कार्यक्रम का संचालन श्री धर्म फाउंडेशन के संस्थापक एवं महासचिव गब्बर कटारा ने किया, जिन्होंने कार्यक्रम के आरंभ में विषय की पृष्ठभूमि रखते हुए यह स्पष्ट किया कि राष्ट्र के बौद्धिक इतिहास को पुनर्स्थापित करना समय की मांग है। स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज ने बताया कि भारत के संविधान निर्माण में बीएन राव (बेनुगुप्तुला नरसिंह राव) की भूमिका को लंबे समय तक जान बूझकर नजर अंदाज किया गया है, जबकि उन्होंने ही संविधान का प्रारंभिक प्रारूप तैयार किया था। उन्होंने बताया कि बीएन राव ने अमेरिका, यूके, कनाडा और आयरलैंड जैसे देशों के संविधानों का गहन अध्ययन कर भारतीय संविधान की नींव रखी। वे तत्कालीन संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार थे और उनकी कानूनी दृष्टि ने संविधान निर्माण को एक ठोस बौद्धिक आधार प्रदान किया। इस विचारोत्तेजक विमर्श में जयपुर के कई गणमान्य नागरिक, बुद्धिजीवी, अधिवक्ता और युवा शामिल हुए। कार्यक्रम में आचार्य राजेश्वर जी, महंत दीपक जी महाराज, जेडी माहेश्वरी, सुनील उदेईया, पवन गोयल, डॉ.हेमलता शर्मा, पंकज शर्मा सोडाला, संजय शर्मा, ऐडवोकेट अनिल चतुर्वेदी, एडवोकेट सुनील शर्मा, अधिवक्ता ईशा राव, एडवोकेट प्रियंका गौड़, केके शर्मा, माधव राजपुरा, डॉ.तरुण माथुर, अभिषेक शर्मा सहित अनेक प्रतिष्ठित जन उपस्थित रहे और उन्होंने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मणिपुर के विधायक और पूर्व आईएएस राम सोयता जी, मशहूर प्लास्टिक सर्जन श्रीधर जी, पवन पारीक जी आदि सम्मिलित हुए। कार्यक्रम गोपालपुरा बायपास स्थित एक होटल में आयोजित हुआ।
राष्ट्रीय विमर्श में हुआ संविधान निर्माता बीएन राव के योगदान का पुनर्मूल्यांकन
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May 31, 2025
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