आखिर न्याय और संविधान की जीत हुई, फैसला लेने में अनावश्यक देरी से धूमिल हुई विधानसभा की गरिमा: टीकाराम जूली

AYUSH ANTIMA
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जयपुर/अलवर (ब्यूरो): राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सजायाफ्ता अन्ता विधायक कंवर लाल मीणा की सदस्यता समाप्त किये जाने को न्याय और सत्य की जीत बताया है। उन्होंने कहा-सत्यमेव जयते, यह कांग्रेस के संघर्ष की जीत है। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खडगे का यह संकल्प है कि हमें संविधान को बचाना है और उसके लिए सतत् संघर्षरत रहना है। उनके बताए रास्ते पर चलकर ही हमारी लडाई संविधान को बचाने के लिए थी और कांग्रेस इसके लिए संकल्पित और संघर्षरत रही और आखिर में संविधान की जीत हुई और उसका सम्मान बना रहा। जूली ने इसे कांग्रेस पार्टी के संविधान बचाओ संघर्ष की जीत बताया है। प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने मीणा की बर्खास्तगी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी लडाई तो संविधान और विधानसभा के प्रक्रिया नियमों की गरिमा को बनाए रखने के लिए थी परन्तु विधानसभा अध्यक्ष ने निर्णय लेने में अनावश्यक देरी की, जिसके कारण विधायक पद पर रहते हुए वो जेल गए एवं विधानसभा की गरिमा धूमिल हुई। जूली ने बताया कि कंवर लाल मीणा की सदस्यता बर्खास्तगी को लेकर विधायक दल के सदस्यों ने तीन बार विधानसभा अध्यक्ष और राज्य के संवैधानिक प्रमुख पद पर आसीन राज्यपाल के समक्ष ज्ञापन के माध्यम से अपनी बात को रखा, इसके पश्चात् भारत के निर्वाचन आयोग में अपनी शिकायत दर्ज की लेकिन इस सम्बन्ध में संवैधानिक प्रावधानों और नियमों की रक्षा के बजाय सजायाफ्ता विधायक की सदस्यता को बचाए रखने के लिए नित नए प्रयास किए जाने लगे। आखिर में न्याय की प्रतीक्षा में न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा और राजस्थान उच्च न्यायालय में 27321/2025 नम्बर की याचिका दायर की गई, जिसमें बुधवार को सुनवाई की जानी थी। आगे होने वाली किरकिरी को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कंवरलाल मीणा की सदस्यता समाप्त करने का निर्णय लेना पडा।

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