सनातन धर्म में चुटकी भर सिन्दूर का महत्व

AYUSH ANTIMA
By -
0


एक चुटकी भर सिन्दूर ही है, जो दो अनजानों को जीवन पर्यन्त एक दूसरे का होने का मजबूत बंधन प्रदान करता है। स्त्री की मांग भरने का सनातन धर्म में बहुत महत्व है। मांग में सिंदूर भरने को सुहाग का प्रतीक माना जाता है, जो विवाहित महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह पति की दीर्घायु, सुख शांति और पति पत्नी के बीच प्रेम दर्शाता है। हर पत्नी की इच्छा रहती है कि वह सुहागन ही मृत्यु को प्राप्त हो और अंतिम समय में उसका पति ही उसकी मांग में सिंदूर भरे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना के जांबाजों ने आपरेशन सिन्दूर के तहत पाकिस्तान को मुंहतोड़ जबाब दिया, उस पर पूरा देश भारतीय सेना पर गर्व कर रहा है। भारतीय सेना द्वारा किए गये आपरेशन सिंदूर ने न केवल सैन्य विजय हासिल की बल्कि एक सांस्कृतिक चर्चा भी प्रारंभ की। जो सिंदूर भारतीय नारी की मांग की शोभा बढाता है, अब देशभक्ति, प्रतिशोध और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक बन गया। सिन्दूर शब्द ने पूरे अभियान को एक ऐसा नाम प्रदान किया, जिसमें विश्वास, परम्परा और राष्ट्र की शक्ति का समावेश था। राजस्थान की वीरों की धरती बीकानेर में आपरेशन सिन्दूर के बाद अपनी आमसभा में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मेरी रगों में अब लहू नहीं सिंदूर बह रहा है। इस बयान में प्रतिशोध की अग्नि के साथ ही नरेन्द्र मोदी के आत्म विश्वास की पराकाष्ठा थी कि भारतीय सेनाओं ने आपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान को सबक सिखाने का काम किया। इस बयान को लेकर देश का विपक्ष नरेन्द्र मोदी पर हमलावर तो हुआ लेकिन इन शब्दों के पीछे उनके मन की वेदना व पीड़ा को नहीं देखा, जो शब्दों द्वारा व्यक्त की जा रही थी। शायद विपक्ष की आंखें वह खौफनाक मंजर नहीं देख पा रही थी, जो नरेन्द्र मोदी की आंखें देख रही थी, जब आतंकियों ने भारतीय बहिनों का सिंदूर उजाड़ दिया था लेकिन भाजपा के नेताओं का सत्ता का नशा कहे या उनका राजनीतिक दिमागी दिवालियापन का सूचक है कि मध्य प्रदेश के मंत्री के स्तरहीन बयान के बाद एक और बयानवीर नेता हरियाणा से राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगीड़ ने भी शब्दों की मर्यादा रेखा लांघने का काम किया है। उन्होंने भारतीय नारियों पर अपमान जनक टिप्पणी करके उन महिलाओं का अपमान ही नहीं किया बल्कि पिडित परिवारों के घावो पर नमक छिड़कने का काम किया, जिनका आतंकी हमले में सिंदूर उजड़ गया था। सांसद का यह बयान असंवेदनशील का परिचायक ही नहीं बल्कि राजनीतिक संकीर्णता का उदाहरण है ।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!