यह कैसी अजीब संवेदना

AYUSH ANTIMA
By -
0

पहलगाम में हुई आतंकी घटना को लेकर पूरा देश आक्रोशित हैं। देश के हर कोने से इसके विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस आतंकी घटना को लेकर केन्द्र में मोदी सरकार ने एहतियात के तौर पर बहुत कदम उठाए हैं। इनमें से एक कदम यह भी है कि भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ना होगा। यह हमारे सिस्टम की खामी है कि उसका फायदा उठाकर बहुत से पाकिस्तानी नागरिकों ने नागरिकता को लेकर आवश्यक दस्तावेज तक बनवा लिए। जब इन पाकिस्तानी नागरिकों को देश से खदेड़ा जा रहा है तो देश के कुछ नेता इसको लेकर विधवा विलाप कर आंसू बहा रहे हैं। पाकिस्तानी नागरिकों को देश में टिके रहने को लेकर तरह तरह के तर्क दिये जा रहे हैं लेकिन इन नेताओं को देश पूछना चाहता है कि जब घाटी से यानी अपने ही देश से 4 लाख हिन्दुओं को प्रताड़ित कर घाटी छोड़ने को मजबूर किया गया था तब उनकी संवेदना क्या अचेतन अवस्था में चली गई थी। मस्जिदों से लाऊड स्पीकर पर हिन्दुओं को घाटी छोड़ने का फरमान जारी हो रहा था। महिलाओं के साथ दुराचार किया जा रहा था। जिस पुरुष ने  इसका विरोध किया, उसको मौत के घाट उतार दिया था। खुद के देश में हिन्दुओं पर अत्याचार देखकर इन नेताओं के मुंह में दही जम गया था। यह कैसी विडम्बना है कि वोटों की राजनीति के चलते हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर यह नेता धृतराष्ट्र बनकर बैठ गये थे। अब जब पाकिस्तान नागरिकों को वापिस भेजा जा रहा है तो उनके हृदय में संवेदना और मानवता के अंकुर प्रस्फुटित हो रहे हैं। देखा जाए तो हमारा सिस्टम इतना लंगड़ा हो गया कि इलैक्ट्रिक मिडिया पर भी प्रचारित गैर जिम्मेदार हरकतों पर भी संज्ञान नहीं लेता है। सूत्रों की माने तो यह सर्वविदित है कि सीमा हैदर नेपाल के रास्ते से भारत अवैध रूप से आकर रही और शादी रचा ली। भारतीय इलैक्ट्रिक मिडिया ने सीमा हैदर को राष्ट्रीय संपति मानकर महिमा मंडित किया था व उसके बच्चे होने की खबर को भी सुर्खियों में दिखाया गया था। क्या सिस्टम को यह नहीं दिखाई दिया कि एक अवैध रूप से भारत में घुसी महिला को महिमा मंडित क्यों किया जा रहा है। इसी क्रम में रोहिंग्याओ की भी एक खेप भारत आई थीं और धीरे धीरे सिस्टम की खामी का फायदा उठाकर पूरे देश में कुकुरमुत्ते की तरह फ़ैल गये। भारत का ऐसा कोई शहर नहीं, जहां रोहिंग्या न हो। वोट बैंक की राजनीति चलती रही तो इस देश में हिंदू अल्पसंख्यकों की श्रेणी में आ जायेंगे। राजस्थान सरकार केन्द्र के इस फैसले से अनभिज्ञ क्यों है, यह समझ से परे है। जैसा कि पाकिस्तानी नागरिकों को पाकिस्तान भेजने का काम मंथर गति से चल रहा है। वोट बैंक की राजनीति के चलते इन नेताओं को इस कदर भी नहीं गिरना चाहिए कि देश में रह रहे हिंदू शरणार्थी बनकर रहे और पाकिस्तानी व बंग्लादेशी अपने उपयुक्त दस्तावेज बनवाकर सरकारी संसाधनों व योजनाओं का लाभ के साथ ही एम्स जैसे संस्थान में अपना इलाज निशुल्क करवा लें। भारत के नागरिकों के प्रति घृणा का भाव और पाकिस्तानी नागरिकों के प्रति अजीब संवेदना होने का आखिर राज क्या है ।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!