झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): जब कोई व्यक्ति जमीनी स्तर से संघर्ष करने के बाद सफलता के पायदान को छूता है तो उसे रास्ते में आने वाली हर बाधाओं और निचले स्तर पर कार्य कर रहे व्यक्तियों के संघर्ष का भली भांति अनुभव होता है। सीएम भजन लाल शर्मा भी इसी का एक उदाहरण है। प्रशासन की सबसे निचली ईकाई ग्राम पंचायत के सरपंच से करिअर की शुरुआत करने वाले भजन लाल शर्मा ने संगठन में दो दशक तक निचले स्तर पर कार्य किया है। यही वजह है कि उन्हें हर आम-खास के जीवन की समस्याओं का अच्छा व्यवहारिक अनुभव है। संगठन में कार्य करने के दौरान ही उन्होंने मीडिया कॉर्डिनेशन का कार्य करते हुए पत्रकारों की समस्याओं को भी व्यवहारिक रूप से देखा और महसूस किया। यही वजह है कि अपने कार्यकाल में उन्होंने लगातार पत्रकारों के हितों की बात की है। सबसे पहले उन्होंने अधिस्वीकृतिकरण को लेकर अहम फैसला लेते हुए आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट प्रदान की। गौरतलब है कि पहले बतौर स्वतंत्र पत्रकार अधिस्वीकृति करण की न्यूनतम आयु 50 वर्ष थी, जो भजन लाल सरकार ने 45 वर्ष कर दी है। इस फैसले से निश्चित तौर पर असंख्य पत्रकारों को लाभ मिलेगा, क्योंकि राज्य सरकार से किसी भी मदद को प्राप्त करने के लिए पहली सीढी किसी पत्रकार का अधिस्वीकृति करण है। पत्रकार संगठनों ने भी इस फैसले का खुले दिल से स्वागत किया है। वहीं अकसर मीडिया संस्थानो द्वारा पत्रकारों को कम वेतन पर ही कार्य करने का मजूबर किया जाता है, ऐसे में समाज को दिशा दिखाने वाले पत्रकार अकसर अपने परिवारजनों के प्रति चिंतित दिखाई देते हैं, खासतौर से स्वास्थ्य संबंधी समस्या आने पर या परिवार में किसी सदस्य के बीमार होने पर। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने यहां भी संवेदनशीलता दिखाते हुए पत्रकारों के लिए राजस्थान जर्नलिस्ट हैल्थ स्कीम यानी आरजेएचएस लागू की है, जिसमें 10 लाख रुपए तक का ईलाज कैशलेस तरीके से मुफ्त हो सकेगा। यह निश्चित तौर पर पत्रकारों के लिए बड़ा राहतभरा फैसला साबित होगा।
पत्रकारों के परम हितैषी मुख्यमंत्री भजन लाल शर्माजी: हिमांशु सिंह, जिला जनसंपर्क अधिकारी
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April 08, 2025
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