पुष्कर तीर्थ में श्रीमद्भागवत करना पौराणिक दृष्टि से प्रथम स्थान: पुंडरीक महाराज

AYUSH ANTIMA
By -
0

पुष्कर/अजमेर: धार्मिक नगरी पुष्कर में श्रीमद् ब्रह्मा भागवत संगीतमय ज्ञान सप्ताह यज्ञ के सप्तम दिवस बुधवार को प्रेम प्रकाश आश्रम में कथा में  सुदामा चरित्र का वर्णन किया गया। व्यासपीठ से कथावाचक श्रीमन्माध्वगौडेश्वर वैष्णवाचार्य पुण्डरीक गोस्वामी ने कहा  पुष्कर तीर्थ में श्रीमद्भागवत करना पौराणिक दृष्टि से प्रथम स्थान है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की है।  वेदों को देखकर वेदानुसार सृष्टि की रचना बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि वेदानुसार जीवनयापन है, सृष्टि इस प्रकार बनी हुई हैं, उसके अनुसार रहना चाहिए।बनाई गई व्यवस्था के अनुसार ही कार्य करना चाहिए। गोस्वामी ने कहा कि ब्रह्मा जी के हाथ में कमंडल-उन्होंने उसी समय की माँग बताई की जीवन में जल का बहुत महत्व है, जल जीवन है।
पुंडरीक महाराज ने यह भी कहा कि प्रभु के पास दर्शन करने आये, प्रदर्शन करने नहीं आये। उन्होंने इस बात का कटाक्ष किया है कि आजकल लोग दर्शन कम, प्रदर्शन करने ज़्यादा आते हैं। उन्होंने कथा के दौरान श्रोताओं से कहा कि मनुष्य का किया गया परिश्रम व प्रशंसा हमेशा साथ में ही चलती हैं। गोस्वामी महाराज की सरलता व स्वभाव को देखते हुए हर व्यक्ति, अनुयायी  प्रतिदिन अपने यहाँ व कहीं न कहीं पदरावणी को ले जाने को उत्सुक है। मंगलवार की रात पुंडरीक महाराज को अपने शिष्य अजमेर निवासी जितेंद्र पाराशर के निवास स्थान पर पदरावणी के लिए ले ज़ाया गया, जहां पर परिवारजनों, अन्य लोगों व अनुयायियों द्वारा स्वागत किया गया। कथा का विश्राम बुधवार को मध्याह्न पश्चात हुआ। इस मौक़े पर आयोजक परिवार पंडित सुरेश शर्मा, नरेंद्र शर्मा व वेंकटेश शर्मा द्वारा भागवत की प्रसादी सभी श्रोताओं, श्रद्धालुओं व अनुयायी परिवार सहित की गई। प्रसादी संत महात्माओं ने भी ग्रहण की।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!