कोर्ट स्थगन आदेश की अवहेलना

AYUSH ANTIMA
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जयपुर (योगेश शर्मा): जेडीए की दादागिरी को किसने दिया अवसर, उठने लगे सवाल। जी हाँ, ऐसा ही मामला विधानसभा क्षेत्र बगरू के गांव बड़ी की ढ़ाणी (मुहाना) का है। जहां जेडीए के आला अधिकारी बैखोफ है, कोर्ट स्टे के बाबजुद भी घरों को तोड़ने पर उतारू हो गये है। दरअसल बीते वर्ष दिसम्बर माह में जयपुर विकास प्राधिकरण के जोन 11 स्थित उपायुक्त कार्यालय द्वारा कृषक भंवरलाल को नोटिस भेजा गया कि खसरा न 2680 आम रास्ते के नाम दर्ज है एवं अतिक्रमण हटा ले, कृषक ने जेडीए में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि जयपुर विकास खसरा न. 2680 का सीमा ज्ञान करवाकर दे, जिससे स्थिति स्पष्ट हो जाएगी, परन्तु जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा सीमा ज्ञान भी नही करवाया गया। उक्त प्रकरण में न्यायालय उपखंड अधिकारी सांगानेर से बिना सीमा ज्ञान करे अतिक्रमण नही हटाये जाने से संबंधित स्थगन आदेश भी पूर्व में मिल चुका। दिसम्बर 2024 में स्थगन आदेश के बाबजुद जेडीए द्वारा अवैध निर्माण बताकर घर के बाहर बनी चार दिवारी को तोड़ दी। 
*तीन महिने बाद फिर अतिक्रमण हटाने का आदेश*

पीड़ित दिनेश शर्मा ने बताया कि जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा तीन महीने बाद फिर निर्माण हटाने की चेतावनी दी है। जेडीए द्वारा न्यायोचित कार्यवाही नहीं की जा रही है और ना ही जमीन का चिन्हीकरण किया जा रहा है।

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