जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): आज कल महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर कई प्रकार की समस्या बढ़ती जा रही हैं। महिलाओं में सामान्यतः होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में मासिक धर्म की अनियमितता, एनीमिया (खून की कमी), थायरॉइड की गड़बड़ी, हड्डियों की कमजोरी (ऑस्टियोपोरोसिस) और मेनोपॉज के बाद हार्मोनल बदलाव शामिल हैं। इसको लेकर आज भी महिलाओं में जागरूकता की कमी है, इन्हीं प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नारी रो हौसला, राजस्थान रो उजास की थीम पर, इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट और आईएपी महिला सेल द्वारा आयोजित इस शिखर सम्मेलन में कोकून हॉस्पिटल के विशेषज्ञों सहित कई वैश्विक प्रतिनिधि और छात्र शामिल हुए। कोकून हॉस्पिटल, जयपुर में सीनियर कंसल्टेंट-ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, डॉ.मितुल गुप्ता ने बताया कि, आज कल की भाग-दौड़ भरी जीवन शैली में महिलाओं को अपने स्वस्थ का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। महिलाओं में होने वाली समस्या में प्रजनन से संबंधित समस्याएं जैसे मासिक धर्म की समस्याएं, बांझपन और गर्भाशय की समस्याएं शामिल हैं। इसके अलावा हार्मोनल असंतुलन, यौन संचारित रोग, मूत्र संबंधी समस्याएं, अवसाद, चिंता और भोजन संबंधी विकार भी आम समस्याएं हैं। ऑस्टियोपोरोसिस, हृदय रोग और मधुमेह जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी महिलाओं में देखी जा रही हैं। इन समस्याओं के निराकरण के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, समय-समय पर चिकित्सकीय जांच, मानसिक तनाव से बचाव और योग-प्राणायाम अत्यंत लाभकारी होते हैं। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए और लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, जिससे समस्याओं का समय रहते समाधान हो सके।
कोकून हॉस्पिटल, जयपुर के यूनिट हेड डॉ.दिलशाद खान ने कहा कि, समाज में महिलाओं की शारीरिक और मानसिक सेहत को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक है। महिलाओं को किशोरावस्था से लेकर गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज़) तक कई जैविक और हार्मोनल परिवर्तनों से गुजरना पड़ता है, जिनका उनके स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। पोषण की कमी, मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएँ, प्रजनन स्वास्थ्य, थायरॉइड, स्तन कैंसर और हड्डियों की कमज़ोरी जैसी समस्याएँ आम हैं, जिनका समय रहते इलाज ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि महिलाएं अक्सर परिवार की देखभाल में अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पातीं हैं, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श आवश्यक है। डॉ.खान ने कहा कि, एक स्वस्थ महिला ही स्वस्थ परिवार और समाज की नींव होती है, इसलिए महिला स्वास्थ्य में निवेश को सामाजिक निवेश माना जाना चाहिए।