कोटपूतली-बहरोड़ जिले के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में हुये खुले भ्रष्टाचार का खेल पहुँचा मुख्यमंत्री की टेबल पर, अब कार्यवाही का इंतजार

AYUSH ANTIMA
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कोटपूतली (रमेश बंसल मुन्ना): कहते है जब बाढ़ ही खेत को खाये तो फसल को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता, यह कहावत भ्रष्टाचार मुक्त राजस्थान के निर्माण में जुटी भजन लाल सरकार पर चरितार्थ होती है। जहाँ एक तरफ राम नाम की लूट मची हुई है तो वहीं दुसरी तरफ खुद राज्य सरकार के विभाग ही नियम व कानूनों की धज्जियां उड़ाकर सरकार के राजकोष को चुना लगाकर राज्य सरकार की छवि धूमिल करने में जुटे हुये है। अब देखना यह है कि प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से लेकर राज्य होम्योपैथिक विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं सरकार को चुना लगाने के खेल पर भी क्या यह सरकार कार्यवाही के नाम पर कुछ करेगी। 

*क्या है मामला*

दरअसल ताजा प्रकरण विगत 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथिक दिवस का है। जहाँ एक निजी संगठन राजस्थान सेवारत होम्योपैथिक चिकित्सक संघ, जयपुर के द्वारा विश्व होम्योपैथिक दिवस एवं 270वीं हैनीमैन जयंती के अवसर पर राजधानी जयपुर स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में डिप्टी सीएम प्रेमचन्द बैरवा के मुख्य आतिथ्य में समारोह का आयोजन किया गया था। उक्त निजी कार्यक्रम में होम्योपैथिक चिकित्सा विभाग, राजस्थान सरकार के निदेशालय में कार्यरत निदेशक डॉ.रेणू बंसल ने डिप्टी सीएम के मुख्य आतिथ्य वाले आयोजन को सफल बनाने के लिये बाकायदा एक आदेश नं. 828 दिनांक 09 अप्रैल 2025 को लिखित में जारी कर डाला। जिसमें करीब 150 चिकित्सकों को समारोह में शामिल होने के आदेश दिये गये, साथ ही इसका टीए-डीए भी दिये जाने के लिये आदेशित किया गया। वहीं इसके अलावा दूर दराज में कार्यरत विभाग के चिकित्सा अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये भी एक भ्रामक आदेश लिखित में जारी किया गया। जिसकी प्रतिलिपि सोशियल मीडिया व व्हॉट्सअप गु्रप में वायरल होती रही। उक्त प्रति में सभी अधिकारी-कर्मचारियों को इस आयोजन में उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये। जबकि आयोजक संगठन राजस्थान सेवारत होम्योपैथिक चिकित्सक संघ को इसकी कोई प्रति नहीं दी गई। जबकि यह कार्यक्रम उक्त संघ का निजी कार्यक्रम था, जो विश्व होम्योपैथिक दिवस के अवसर पर स्वयं का संगठन शक्ति प्रदर्शित करने के लिये आयोजित किया गया था। 

*औषधालय रहे नर्सेज के हवाले*

जानकार सूत्रों का मानना है कि आयोजन की तस्वीरें शक्ति प्रदर्शन के नाम पर खुले में वायरल की जा रही है। एक ओर जहाँ भजन लाल सरकार निरोगी राजस्थान के निर्माण हेतु प्रभावी स्वास्थ्य योजनायें लाने का कार्य कर रही है। वहीं दुसरी ओर होम्योपैथिक निदेशालय द्वारा चिकित्सकों की भीड़ को इस आयोजन में बुलाकर औषधालयों को नर्सेज के हवाले कर दिया गया। यही नहीं 150 चिकित्सकों को नामजद आदेश जारी कर कार्यक्रम में बुलाकर टीए-डीए के भुगतान किये जाने के आदेश से राजकोष को चुना लगाने का खेल भी कर दिया गया। वहीं भ्रमित आदेशों से विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को आयोजन में बुलाने एवं उनकी उपस्थिति रिकॉर्ड पर नहीं दिये जाने से नवनियुक्त कार्मिकों के सेवा रिकॉर्ड पर खतरा मंडरा रहा है। जान बुझकर औषधालयों से अनुपस्थित रहने के चलते इनमें हडक़म्प मचा हुआ है कि व्हॉट्सअप चिकित्सकीय गु्रप में आदेश डालकर उन्हें आयोजन में क्यों बुलाया गया। विभागीय सूत्रों का यह भी कहना है कि इसके माध्यम से भ्रष्टाचार का एक बड़ा खेल खेला गया है। आयोजन में बिना आदेश के पहुँचे स्थाई एवं नवनियुक्त चिकित्सक अब अपने राजनैतिक आकाओं के आगे हाजरी लगाने पर मजबुर है। साथ ही उच्चाधिकारियों की अंधेरगर्दी पर आंसू भी बहा रहे है। अब देखना यह है कि नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुये राजकोष को चुना लगाने वाले उक्त विभागीय अधिकारियों पर भ्रष्टाचार मुक्त राजस्थान का निर्माण करने का दावा ठोकने वाली सरकार क्या कार्यवाही करती है। 

*मुख्यमंत्री की टेबल पर पहुँचा भ्रष्टाचार का मामला*

सूत्रों के अनुसार नवगठित जिला कोटपूतली-बहरोड़ के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में नियम व कानूनों की धज्जियां उड़ाने के साथ-साथ हुये खुले भ्रष्टाचार का खेल अब प्रमाणों के साथ मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की टेबल तक पहुँच चुका है। इस सम्बंध में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग में प्रकरण भी दर्ज हो चुका है। अब देखना यह है कि भ्रष्टाचार के खेल को पनाह देने वालों पर कितनी जल्दी शिकंजा कसा जाता है।

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