अजमेर: साइबर अपराध की बढ़ती वारदातों पर प्रभावी कार्रवाई करते हुए अजमेर पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा के निर्देशन में साइबर अपराध थाना अजमेर की टीम ने डिजिटल आरेस्ट के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले एक खाताधारक को गिरफ्तार किया है। थानाधिकारी हनुमान सिंह राठौड़ (आरपीएस) ने बताया कि यह मामला 24 जनवरी 2025 को साइबर थाना अजमेर में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सामने आया। उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी अनुराग पुत्र अवध किशोर ने थाने में शिकायत दी कि 18 नवंबर 2024 को दोपहर 2:45 बजे उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को बीएचईएल कंपनी का प्रतिनिधि बताया। फोनकर्ता ने अनुराग को बताया कि उनके नाम से मुंबई से चीन भेजे गए एक पार्सल में अवैध मादक पदार्थ मिले हैं, जिस कारण उन्हें डिजिटल अरेस्ट में रखा गया है। 18 से 27 नवंबर 2024 तक आरोपी ने पीड़ित अनुराग को मानसिक दबाव में रखकर विभिन्न खातों में कुल 5,18,966 रुपये ट्रांसफर करवा लिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू की और साइबर पोर्टल 1930 के माध्यम से खातों की जानकारी प्राप्त की। डिप्टी हनुमान सिंह राठौड़ ने बताया कि पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर हिमांशु जांगिड़ के निर्देशन में एक टीम गठित की गई। इस टीम में साइबर थाने के कांस्टेबल सोनू , रामदयाल, और चालक दशरथ (2031) शामिल थे। पुलिस टीम ने बैंक खातों की केवाईसी और स्टेटमेंट के आधार पर आरोपी की पहचान की और उसे गिरफ्तार किया। थानाधिकारी हनुमान सिंह राठौड़ (आरपीएस) ने बताया कि आरोपी का नाम औंकार सिंह पुत्र बजरंग सिंह है, जो आथूना बास, कंवलाद, थाना पीलवा, जिला डीडवाना-कुचामन का निवासी है। आरोपी ने अपने बैंक खाते और उससे जुड़ी सिम को धोखाधड़ी के उद्देश्य से अन्य साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराया था। अजमेर पुलिस ने इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश दिया है कि साइबर अपराध में शामिल कोई भी व्यक्ति कानून की पकड़ से बाहर नहीं रहेगा। मामले में आगे की जांच जारी है।
डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले एक खाताधारक को किया गिरफ्तार
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April 10, 2025
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