पिलानी (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): बिरला स्कूल पिलानी में नवीन शैक्षणिक सत्र 2025-26 की शुरुआत गायत्री यज्ञ एवं मंत्रोच्चार के साथ आध्यात्मिक वातावरण में की गई। विद्यालय परिसर में आयोजित इस शांतिपूर्ण यज्ञ अनुष्ठान में समस्त शिक्षकगण, कर्मचारी तथा विद्यार्थियों ने भाग लिया और नवनिर्माण के संकल्प के साथ आहुतियाँ अर्पित कीं।
गायत्री यज्ञ भारतीय संस्कृति की एक प्राचीन परंपरा है, जिसका उद्देश्य चेतना का शुद्धिकरण, वातावरण की पवित्रता और मानसिक ऊर्जा का जागरण होता है। यज्ञ में वेदमंत्रों का सस्वर उच्चारण वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण करता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी हवन में प्रयुक्त सामग्री जैसे घी, जड़ी-बूटियाँ एवं हवनकुंड की अग्नि वातावरण को शुद्ध करने में सहायक होती हैं। इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य विद्यार्थियों के मन में एक सकारात्मक सोच, आत्मविश्वास एवं अनुशासन का संचार करना था, जिससे वे नए सत्र की शुरुआत उत्साह और ऊर्जा के साथ करें। विद्यालय के प्राचार्य धीरेंद्र सिंह ने कहा, "हमारे विद्यालय की परंपरा रही है कि हर सत्र की शुरुआत शुद्ध वातावरण और शुभ संकल्पों के साथ की जाए। यह यज्ञ केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों के बीजारोपण का माध्यम भी है।"
शांति पाठ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ और सभी उपस्थितों ने नये सत्र में उत्कृष्ट कार्य की भावना के साथ शुभ संकल्प लिए। इस पवित्र आयोजन ने विद्यालय परिसर को सकारात्मक ऊर्जा से अभिभूत कर दिया, जिससे संपूर्ण वातावरण में आस्था, प्रेरणा और नवशक्ति का संचार हुआ।
विद्यालय के हैडमास्टर एसपी आनंद (डे विंग सीनियर), हैडमास्टर बूपन शर्मा (डे विंग जूनियर) ने इस आयोजन के लिए गायत्री चेतना केंद्र पिलानी के सक्रिय कार्यकर्ताओं गोविन्द राम सोनी, प्रेमलता सोनी, राजकुमारी सोनी, अशोक सोनी, जाह्नवी शर्मा, देवेन्द्र सिंह ओलखा, ऊषा ओलखा, जोगेंद्र का हार्दिक आभार व्यक्त किया।
यह आयोजन न केवल भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि छात्रों को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से समृद्ध करने का प्रयास भी है।