लिवर को रखें स्वस्थ: लिवर की बीमारियों के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए पहले से सचेत रहना अत्यंत आवश्यक है

AYUSH ANTIMA
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(आयुष अंतिमा नेटवर्क)


लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर में पांच सौ से भी अधिक कार्य करता है। स्वस्थ लिवर के बिना जीवन असंभव है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार लिवर की बीमारियाँ भारत में मृत्यु का दसवां सबसे आम कारण हैं।
जागरूकता के उद्देश्य से नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर में  स्वस्थ लिवर के महत्व को समझाने के लिए विश्व लिवर दिवस मनाया गया। नारायणा हॉस्पिटल का प्रयास रहता है कि लोगों को इलाज के साथ-साथ बचाव को लेकर भी जागरूक किया जाए। वहीं लिवर के महत्व की यदि बात की जाए तो यह हमारे शरीर में रक्त से विषाक्त पदार्थों को फ़िल्टर करने और पाचन में सहायता करने के लिए महत्वपूर्ण है परंतु आजकल स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही, अनुचित खानपान व अन्य कारणों के चलते हेपेटाइटिस, सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी बीमारियाँ बढ़ रही हैं, जो दुनिया भर में लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही हैं।

*शीघ्र जांच ही आपके लिवर को स्वस्थ रखने की कुंजी है*
  
नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के सीनियर कंसल्टेंट-गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डॉ.अमित सांघी ने कहा, “लिवर की बीमारियों को ‘साइलेंट किलर’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि शुरुआती चरण में इनके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाई देते। लिवर की समस्याओं के कुछ आम संकेतों में थकान, भूख न लगना, बेचैनी, पेट में दर्द या सूजन, गहरे रंग का पेशाब और त्वचा व आंखों का पीला पड़ना (पीलिया) शामिल हैं-इन लक्षणों पर समय रहते ध्यान देना जरूरी है।” उन्होंने बताया, “लिवर डॅमेज के मुख्य कारणों में हेपेटाइटिस वायरस (हेप ए, बी, ई, सी), अत्यधिक शराब सेवन, कुछ दवाएं (जिनमें वैकल्पिक चिकित्सा शामिल है) और फैटी लिवर हैं। फैटी लिवर मुख्यतः डायबिटीज और मोटापे से ग्रसित लोगों में पाया जाता है। आज के समय में डायबिटीज और मोटापे के मामलों में बढ़ोतरी के कारण फैटी लिवर, लिवर डैमेज का एक प्रमुख कारण बन चुका है।”
डॉ.राहुल राय, सीनियर कंसल्टेंट-हेपेटोलॉजी, नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर ने लिवर की बीमारी की बढ़ती चिंताओं को दूर करने के लिए विश्व लिवर दिवस सप्ताह के अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य पहल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन पहलों का उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य परिचर्चा या सेमिनारों के माध्यम से शिक्षित करना, लिवर के स्वास्थ्य के लिए किफायती पैकेजों को बढ़ावा देकर शीघ्र पता लगाने पर जोर देना, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और शराब आदि के सेवन से दूरी बनाने जैसी स्वस्थ आदतों को अपनाने के बारे में लोगों को प्रेरित करना है। इसके माध्यम से लोगों को लिवर के स्वास्थ्य पर ध्यान देने हेतु जागरूकता उत्पन्न करवाना ज़रूरी है। इसी विषय पर रोशनी डालते हुए नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के सीनियर कंसल्टेंट-जीआई, एचपीबी सर्जरी एवं लिवर ट्रांसप्लांट, डॉ.सुभाष मिश्रा ने कहा, लीवर आपका साइलेंट हीरो है, लेकिन जब इसका बोझ बढ़ता है, तो आपकी एनर्जी भी गिरने लगती है। फैटी लिवर की परेशानिया आज आम हो गई है| फैटी लिवर से बचने के लिए रोज़ाना प्लेट में रखें — फाइबर वाली सब्ज़ियां, कम शुगर वाले फल, हाई प्रोटीन और हेल्दी फैट्स। चीनी, डीप फ्राइड खाना और पैकेज्ड स्नैक्स से दूरी बनाएं। और हर साल एक सिंपल LFT (Liver Function Test) ज़रूर करवाएं। छोटा सा बदलाव — बड़ी बीमारी से बचाव।"

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