झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): झुंझुनूं प्रगति संस्थान शहर में पानी की समस्या का समाधान करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाने जा रहा है। संस्थान ने झुंझुनूं शहर में भामाशाहों की मदद से 100 रिचार्ज ट्यूबवैल बनाने का संकल्प लिया है। इस दिशा में अब तक करीब 11 ट्यूबवैल बनाने की स्वीकृति भी भामाशाहों से आ गई है। इनमें चार ट्यूबवैल की स्वीकृति प्रदीप पाटोदिया, 2 ट्यूबवैल श्रीमती संतोष देवी एवं हुक्मीचंद लांबीवाला तथा पांच ट्यूबवैल खुद संस्थान के अध्यक्ष शिक्षाविद् डॉ.दिलीप मोदी ने दी है। डॉ.मोदी ने बताया कि विधायक राजेन्द्र भांबू की प्रेरणा व उनके 100 रीचार्जेबल बोरवेल के लक्ष्य के अनुरूप इस अभियान को उठाया गया है। शनिवार को इस कार्य में लगे अनुभवी विशेषज्ञ फॉक्सीज इंजीनियर प्राइवेट लिमिटेड के अनुपम शर्मा जयपुर से झुंझुनूं आए, जिन्होंने संस्थान के पदाधिकारियों के साथ इसकी चर्चा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैच द रेन वॉटर के आह्वान के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने यह अभियान शुरू किया है। उन्होंने बताया कि सीआर पाटिल, सूरत से लोकसभा सांसद है। उन्होंने प्रवासियों के साथ बैठक कर कर्मभूमि से जन्मभूमि की ओर अभियान की शुरूआत की। जिसकी बागडोर झुंझुनूं के ही प्रवासी और फोस्टा के अध्यक्ष कैलाश हाकिम ने सभांली है। उन्होंने बताया कि इन रिचार्ज ट्यूबवैल को खास तरीके से डिजाइन किया गया है। जिसके द्वारा हम बारिश का पानी वापिस जमीन में पहुंचा सकते है ताकि यह पानी भविष्य के लिए संचित हो। उन्होंने बताया कि एक आंकड़े के अनुसार हम अभी तक बारिश का सिर्फ आठ फीसदी पानी ही उपयोग ले रहे है। शेष 92 फीसदी पानी बर्बाद हो रहा है। उन्होंने बताया कि हम भामाशाहों की मदद से ये ट्यूबवैल बनवा रहे है। इस मौके पर संस्थान के अध्यक्ष शिक्षाविद् डॉ.दिलीप मोदी ने आश्वस्त किया कि इस अभियान में झुंझुनूं शहर के प्रवासी भामाशाहों से मदद मांगी जाएगी और पहले चरण में 100 रिचार्जेबल ट्यूबवैल बनवाए जाएंगे। इस मौके पर डॉ.डीएन तुलस्यान, कुरड़ाराम धींवा, राजेश ढेढिया, अनिल केजड़ीवाल, प्रदीप पाटोदिया, शिवचरण हलवाई, सीए मनीष मित्तल आदि मौजूद थे।
झुंझुनूं प्रगति संस्थान बनवाएगा भामाशाहों से 100 रिचार्ज ट्यूबैवल ताकि बारिश का पानी हो संरक्षित
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April 05, 2025
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