पुष्कर/अजमेर: रांधा पुआ" का पर्व गुरुवार को मनाया जाएगा। पंडित कैलाशनाथ दाधीच के अनुसार शीतला सप्तमी (बास्योड़ा) से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन घरों में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं, जिन्हें ठंडा करके अगले दिन शीतला माता को भोग लगाया जाता है। ज्योतिष गणितीय विज्ञान एवं पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र कृष्ण सप्तमी शुक्रवार को शीतला सप्तमी सूर्योदय से रात्रि 2:45 तक रहेगी। जिस वजह से ठंडा भोजन प्रसादी भोग शीतला माता के चढ़ाना शुभकारी रहेगी।शीतला माता के मीठे पकवान, नमकीन पकवान रंधा पुआ बनाने का शुभ दिन गुरुवार को चैत्र मास कृष्ण पक्ष छठ गुरुवार को शुभ रहेगा। इस बार भद्र का प्रभाव शीतला सप्तमी पर बन रहा हैं। पंचांग एवं ज्योतिष में वर्णित है कि मेष, वृषभ, मिथुन और वृश्चिक राशि में चंद्रमा होने पर एवं ज्येष्ठा नक्षत्र रहने पर भद्र स्वर्गलोक में विद्यमान रहती है। इस दिन शीतला सप्तमी के दिन पृथ्वीलोक पर भद्र का कोई अशुभ प्रभाव नहीं रहेगा।जनमानस में इस बार शीतला सप्तमी का श्रेष्ठ योग बन रहा है ।
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