प्रदेश खनन माफिया की गिरफ्त में, सरकार है लाचारः जूली

AYUSH ANTIMA
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जयपुर (संजय त्रिवेदी): राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली द्वारा पूछे गये तारांकित प्रश्न के जवाब में सरकार ने जो जवाब दिया है, उससे प्रदेश की लचर कानून-व्यवस्था की स्थिति उजागर होती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश अवैध खनन माफियाओं की गिरफ्त में फंस चुका है। खनन माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं। जूली ने बताया कि उनके द्वारा अपने प्रश्न के माध्यम से 01 जनवरी, 2024 से 31 दिसम्बर, 2024 के बीच प्रदेश में अवैध खनन के मामले में प्रश्न पूछे जाने पर सरकारी जवाब में बताया गया कि उक्त अवधि के दौरान खान विभाग द्वारा अवैध खनन के 1438 मामले दर्ज किये गये और वन विभाग द्वारा वन भूमि पर अवैध खनन के 867 मामले दर्ज करवाये गये हैं। उन्होंने बताया कि खान विभाग द्वारा दर्ज मामलों के माध्यम से 4777.74 लाख की राशि वसूली गई है और कार्यवाही के दोरान अवैध खनन में काम लिये जा रहे कुल 725 वाहन और मशीनरी को जब्त किया गया है। इसी प्रकार वन विभाग द्वारा वन भूमि पर अवैध खनन के दर्ज प्रकरणों के माध्यम से खनन माफियाओं से 188.93 लाख रूपये की राशि वसूली गई है। प्रतिपक्ष के नेता जूली ने बताया कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि अवैध खनन माफियाओं द्वारा खान विभाग और वन विभाग के कर्तव्यनिष्ठ 93 अधिकारी और कर्मचारियों पर हमले किये गये हैं। इन हमलों के सम्बन्ध में प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों में 311 मुकदमें दर्ज किये गये हैं, जिनमें से 60 प्रकरणों में चालान पेश किया गया है और 8 मामलों में एफ.आर. लगाकर प्रकरण को समाप्त कर दिया गया है और 25 प्रकरण पैंडिंग है। प्रतिपक्ष के नेता जूली ने कहा कि प्रदेश में पनपता माफिया तंत्र सरकार की विफलता और अकर्मण्यता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि यह तब और भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण और चिन्ताजनक हो जाता है, जब सरकार के मंत्री ही अपनी सरकार पर अवैध बजरी खनन के आरोप लगाये जाएं और सरकार कार्रवाई करने की बजाय मौन हो जाए।

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