जाट वीर धौलिया वंश गांव खरनाल मांय, आज दिन सुभस मंसे गुलाब फूला छांय। शुभ दिन चौदस गुरूवार शुक्ल माघ पहचान, सहस्त्र एक सौ तीस में प्रकट अवतारी ज्ञान।।
वीर तेजाजी महाराज, जिन्हें लोकदेवता के रूप में जाना जाता है। वीर तेजाजी बचनबद्धता और न्याय के प्रतीक थे। उनकी कथाएं राजस्थान की लोक संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। सूत्रों की मानें तो उन्हीं लोक देवता वीर तेजाजी की जयपुर के प्रताप नगर स्थित वीर तेजाजी मंदिर में शुक्रवार देर रात अज्ञात असमाजिक तत्वों द्वारा मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने के समाचार आ रहे हैं। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर राजस्थान के लोगो में उबाल आना स्वाभाविक है क्योंकि लोक देवता के रूप वीर तेजाजी के राजस्थान में लाखों भक्त हैं।
अब सवाल उठता है कि आखिर असमाजिक तत्वों का टारगेट सनातन धर्म ही क्यों है ? कुछ दिन पहले भी झुंझुनूं जिले के झाझोत गांव में कुछ असमाजिक तत्वों ने सनातन धर्म को अपमानित करने वाला कृत्य किया था। इस कृत्य की जितनी निंदा की जाए वह कम है। भजन लाल शर्मा सरकार को इस दिशा मे त्वरित कार्रवाई करते हुए उन दोषी लोगों को गिरफ्तार कर कानून सम्मत दंडित करने का काम करें। प्रदेश में किसी भी व्यक्ति की धार्मिक आस्था पर प्रहार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। ऐसे असमाजिक तत्वों की मंशा प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैलाकर सामाजिक समरसता के ताने बाने को नष्ट को नष्ट करने की कोशिश में एक घृणित कृत्य है। राजनीतिक दलों को इस प्रकरण को लेकर दलगत राजनीति से उपर उठकर इस बात के लिए आगे आना चाहिए कि धार्मिक आस्था पर चोट किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी। धार्मिक आस्था की आड़ में राजनीतिक दलों को रोटिया सेंकने से परहेज़ करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वीर तेजाजी को भगवान शंकर का अवतार भी माना गया है। वीर तेजाजी को प्रत्येक सनातनी की पूज्या गौमाता के रक्षक के रूप में भी जाना जाता है।
अखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद (रजि) भजन लाल शर्मा सरकार से पूरजोर मांग करता है कि प्रदेश में धार्मिक आस्था पर प्रहार करने वालों को तुरंत गिरफ्तार करे और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाने में महती भूमिका अदा करे ।