जयपुर (संजय त्रिवेदी): राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बताया कि पुलिस कार्मिकों की मांगों की अनदेखी करने वाली सरकार के रवैये से दुःखी होकर पुलिस कार्मिकों को होली जैसे महापर्व का बहिष्कार करना पड़ा और उनके द्वारा अपनी मांगों को लेकर मैस के बहिष्कार का निर्णय लिया गया है। पुलिस कार्मिकों के उपवास जैसे निर्णय के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के तौर पर सरकार के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक द्वारा 17 मार्च, 2025 को आदेश क्रमांकः 305 जारी कर प्रदेश के पुलिस आयुक्त, रेंज महानिरीक्षक, पुलिस उपायुक्त, जिला पुलिस अधीक्षक यहां तक समस्त कमाण्डेन्ट, आरएसी बटालियन तथा प्रशिक्षण संस्थानों पुलिस कार्मिकों के मैस बहिष्कार को हर हाल में रोके जाने के लिये हिदायत दी है। जूली ने कहा कि सरकार की हठधर्मिता और कर्मचारियों के हितों की अनदेखी करना उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है। उन्होंने कहा कि इस सरकारी आदेश से पुलिस कार्मिकों का मनोबल गिरेगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारी सरकार का अभिन्न अंग होते हैं और परिस्थितियों में रहकर भी कानून-व्यवस्था को बनाये रखने के लिये हरसंभव प्रयास करते हैं, इसलिए सरकार का भी यह दायित्व है कि वह पुलिस कार्मिकों के अधिकारों की रक्षा के साथ उनकी सामाजिक सुरक्षा का भी ध्यान रखे और उनके प्रति संवेदशीलता दर्शाते हुए इस पर पुनर्विचार कर पुलिस कार्मिकों की समस्याओं को सुनकर उनका उचित समाधान निकालने की दिशा में प्रयास करे। प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने सरकारी आदेश की निन्दा करते हुए कहा कि सरकार की मारो व रोने भी मत दो की नीति अन्यायपूर्ण है।
सरकार की मारो और रोने भी ना दो की नीति है अन्यायपूर्ण
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March 17, 2025
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*18 मार्च को पुलिस कार्मिकों द्वारा मैस बहिष्कार को रोके जाने के लिये सरकार द्
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