(आयुष अंतिमा नेटवर्क)
कभी संभलते तो कभी बिखरते गए हम, जिंदगी के हर मोड़ पर खुद में ही सिमट गऐ हम, राहों में कांटे तो होंगे ये ना भूलें कभी हम, अपने हृदय में हमेशा उत्साह बनाएं रखें हम।
निडर हो आगे बढ़ते रहना याद रखें हम, यूं तो जमाना कभी खरीद नहीं सका हमें, बस प्यार के दो लफ़्ज़ों से सदा कायल हुए हम।
थक गया दर्द भी अपनी अदाकारी करते-करते, अब तो अपना किरदार निभा दे खुशी गुजारिश करते हम।
मरने से पहले एक बार खुल के जी लेना चाहते हम, इसी को कहते हैं जिंदगी से इश्क कर लेना हम।