जयपुर: 9 महिने से सरपंच ने ग्राम पंचायत के बजट से बिजली का बिल बिल जमा नहीं कराया, ऐसे में विद्युत विभाग ने कनेक्शन काट दिया। गत पांच दिन से ग्रामीणों को पानी के लिए टैंकरों पर आश्रित रहना पड़ रहा है। ऐसे में उनके सामने मानो दुखों का पहाड़ टुट पड़ा हो। जी हां, यह स्थिति है, डिग्गी रोड के रातल्या गांव के निवासियों की। ग्राम पंचायत जगन्नाथपुरा के रातल्या गांव में विधुत कनेक्शन काटने के बाद पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। इतना ही नहीं, गांव में पांच दिन से जलापूर्ति बंद है और इतना सब कुछ होने के बावजूद ग्राम पंचायत प्रशासन चैन की नींद सो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्राम पंचायत जगन्नाथपुरा के रातल्या गांव में वर्ष 2024 में जलदाय विभाग ने नेवटा बांध से लेकर रातल्या गांव में पेयजल के लिए बनी टंकी तक 8 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछा दी गई। इसके रखरखाव एवं संचालन की जिम्मेदारी सरपंच ग्राम पंचायत जगन्नाथपुरा को दी। विधुत बिल भी सरपंच यानि ग्राम पंचायत जगन्नाथपुरा के नाम से ही आता था। मार्च 2024 से लेकर जनवरी 2025 तक विधुत बिल 2 लाख 28 हजार का निकाला गया, जो ग्राम पंचायत द्वारा जमा ही नहीं कराया गया। ऐसे में बिजली विभाग द्वारा नेवटा बांध के पास लगे ट्रांसफार्मर से तार हटाकर कनेक्शन काट दिया, जिससे पानी के लिए ग्रामीणों को बुंद-बुंद तरसना पड़ रहा है। पेयजल किल्लत से ग्रामीणों ने सरपंच प्रतिनिधि को मामले से अवगत कराया तो सरपंच प्रतिनिधि ने कहा कि जिसने पानी पिया है, वो ही बिल का भुगतान करेगा, मेरी जेब से पैसा नहीं दे सकता। इससे ग्रामीणों में सरपंच प्रतिनिधि के विवादित बोल को लेकर आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि पिछले 9 माह में एक बार भी सरपंच ने ग्रामीणों को बिल के भुगतान के बारे में नहीं बताया और ना ही स्वंय ने विधुत बिल का भुगतान किया। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली बिल ही सरपंच ग्राम पंचायत जगन्नाथपुरा के नाम से संचालित हो रहा है तो फिर आमजन क्यों भुगतान करे। सरपंच ग्राम पंचायत को पंचायत के बजट से भुगतान कर पेयजल सप्लाई चालु करवानी चाहिए ताकि आमजन को पीने का पानी उपलब्ध हो सके।
*निजी टेंकर मालिक कूट रहे चांदी*
ग्रामीणों ने बताया कि सुखे हलक की प्यास बुझाने के लिए महंगे दामो पर निजी टेंकरों से पानी की सप्लाई हो रही है। लोगों को महंगे दामो पर टेंकर डलवाने पड़ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर शीघ्र ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे मुख्यमंत्री और राज्यपाल को समस्या से अवगत करायेगे, फिर भी समाधान नहीं होता है तो उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेगें।
*इनका कहना है*
ग्राम पंचायत में बजट नहीं है। गांव में पेयजल को लेकर कोई कमेटी नहीं बनीं हुई है। सरपंच ग्राम पंचायत जगन्नाथपुरा के नाम से बिल आता है लेकिन बिल तो ग्रामीणों को ही जमा करवाना होगा, मैं मेरी जेब से बिल जमा नहीं करवाऊंगा।
*अशोक चौधरी*
सरपंच प्रतिनिधि (ग्राम पंचायत जगन्नाथपुरा)
विद्युत विभाग ने कनेक्शन कैसे काटा, इसके लिए एईएन से संपर्क कर गांव में आ रही पेयजल समस्या की जानकारी ली जाएगी।
*ज्योति प्रजापति*
विकास अधिकारी, पंचायत समिति सांगानेर