माननीय न्यायालय ने होमगार्डस के हितों की सुरक्षा हेतु जारी किए दिशा निर्देश

AYUSH ANTIMA
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जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): माननीय न्यायालय ने होमगार्डस के हितों की सुरक्षा हेतु दिशा निर्देश जारी किये। ये निर्णय मील का पत्थर साबित होगा। भारत गणराज्य में अपने तरह का इकलौता आदेश, जिसमें होमगार्डस की परेशानियों का इतना विस्तृत तरीके से समाधान किया गया है। ये न्यायाधिपति फरजान अली की एकल पीठ का रिपोर्टेबल आदेश है। हरीशंकर आचार्य व अन्य बनाम सरकार व अन्य में पारित निर्णय हुआ है। प्रार्थी की और से अधिवक्ता विकास महावर और अभिमन्यु सिंह राठौड़ ने और सरकार की और से दीपक चांडक, नरेंद्र राजपुरोहित AAG, अनीता राजपुरोहित, सांवर मल, बीएल भाटी आगे ने अपना पक्ष रखा। राजस्थान राज्य में होमगार्ड्स संगठन के पुनर्गठन, पारदर्शी तैनाती एवं कल्याणकारी उपायों संबंधी माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालना हेतु कोर्ट ने 14 सूत्रीय निर्देश जारी किए।
*निरंतर नियुक्ति*
प्रत्येक होमगार्ड स्वयंसेवक को न्यूनतम 22 दिवस प्रति माह की सेवा सुनिश्चित की जाए।
*जिला-वार तैनाती बल*
प्रत्येक जिले में औसतन 1,000 होमगार्ड्स पुलिस बल के साथ संलग्न रहेंगे।
*वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार*
राज्य सरकार होमगार्ड्स को वेतन पर्ची अथवा स्थायी आय का स्रोत उपलब्ध करवाएगी।
*तैनाती में पारदर्शिता*
कमांडेंट को प्रदत्त तैनाती संबंधी विवेकाधिकार अब होम गार्ड डिप्लोमेंट मैनेजमेंट सिस्टम (HDMS) के माध्यम से विनियमित किया जाए।
*उत्तर प्रदेश मॉडल का अनुकरण*
राजस्थान राज्य, स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, उत्तर प्रदेश मॉडल के अनुरूप होमगार्ड तैनाती एवं लाभ प्रणाली अपनाने का प्रयास करे।
*भत्ते एवं लाभ*
होमगार्ड्स को महंगाई भत्ता प्रदान किया जाएगा। 
*वर्दीधारी एवं अवर्दीधारी कर्मी*
वर्दीधारी एवं अवर्दीधारी कर्मियों में कोई वेतन भेदभाव नहीं होगा। 
*महिला प्रतिनिधित्व*
महिला होमगार्ड्स की संख्या में वृद्धि कर लैंगिक संतुलन सुनिश्चित किया जाएगा।
*नई पंजीकरण प्रक्रिया*
 प्रत्येक जिले में कम से कम 1,000 तैनाती सुनिश्चित हो सके। बड़े जिलों में यह संख्या 1,200–1,300 तक हो।
*तैनाती समिति एवं नियंत्रण*
जिला स्तर पर समिति गठित की जाएगी जो पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में वर्दीधारी होमगार्ड्स की तैनाती की देखरेख करेगी। 
*वित्त विभाग हेतु निर्देश*
प्रशिक्षण, भत्तों, एवं संरचनात्मक आवश्यकताओं हेतु पर्याप्त बजट का समय पर प्रावधान सुनिश्चित किया जाए।
*HDMS का राज्यव्यापी क्रियान्वयन*
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (DOIT) एवं होमगार्ड विभाग को जनवरी 2026 तक पूरे राज्य में HDMS को पूर्णत: लागू करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें 
ड्यूटी डिमांड, अटेंडेंस एवं पेमेंट तथा बायोमेट्रिक इंटिग्रेशन जैसे मॉड्यूल सम्मिलित होंगे।
*अनुपालन प्रतिवेदन*
सभी विभागों को तीन माह की अवधि में अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। 
*क्रियान्वयन की जिम्मेदारी*
राज्य के मुख्य सचिव को उपर्युक्त सभी निर्देशों के प्रभावी क्रियान्वयन की व्यक्तिगत जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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