वैसे तो पिलानी विधानसभा को लेकर पीने के पानी की समस्या को फुटबाल बनाकर छोड़ दिया है। कांग्रेस के एक कद्दावर नेता ने अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम क्षणों तक इस मुद्दे का खुब दोहन किया, शायद उसी परिपाटी का अनुसरण पिलानी विधायक महोदय कर रहे हैं। हालांकि आयुष अंतिमा (हिन्दी समाचार पत्र) ने इस अपने लेखों द्वारा तत्कालीन विधायक जेपी चंदेलिया व वर्तमान में डबल इंजन सरकार व जनता की अदालत में इस मानवीय मुद्दे को संज्ञान में लाने का काम किया व इसको लेकर तात्कालिक उपाय केवल और केवल कुंभाराम लिफ्ट परियोजना का पानी ही था। इसको लेकर भजन लाल शर्मा सरकार ने पिलानी विधानसभा की जनता की पीड़ा को समझा व पिलानी विधानसभा को कुंभाराम लिफ्ट परियोजना से जोड़ने को लेकर स्वीकृति जारी कर दी। टेंडर प्रक्रिया किस चरण में है, इसको लेकर तो विभाग ही बता सकता है लेकिन मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की 11 अक्टूबर को मंड्रेला दौरे में शायद कोई शुभ समाचार को लेकर मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा घोषणा का इंतजार पिलानी विधानसभा का आवाम बेसब्री से कर रहा है। लेख की हैडिंग विधायक महोदय द्वारा एक खबर पर फिट बैठती है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। उस खबर के अनुसार विधायक महोदय दावा कर रहे हैं कि उनके प्रयासों से कुंभाराम लिफ्ट परियोजना से अतिरिक्त पानी मिलेगा, जिससे पानी की कोई कमी नहीं रहेगी। विधायक महोदय जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव द्वारा उनकी मांग पर जारी पत्र का हवाला दे रहे हैं और उसी पत्र को लेकर वाहवाही लूट रहे हैं। विधायक महोदय की इस खबर को लेकर यही कहा जा सकता है कि न सूत न कपास लेकिन जुलाहे से लठ्ठम लठ्ठा। अब यह तो विभाग ही बता सकते हैं कि पहले पिलानी विधानसभा को कितना पानी मिलता था और अब विधायक महोदय की मांग पर कितना अतिरिक्त पानी का आवंटन किया है। वैसे आयुष अंतिमा (हिन्दी समाचार पत्र) ने अपने आज़ के लेख में अनुशंसा रोग से ग्रसित झुन्झुनू के नेताओं के बारे में लिखा था और उसी रोग से ग्रसित शायद विधायक महोदय नजर आ रहे हैं। जब कुंभाराम लिफ्ट परियोजना की कार्य योजना धरातल पर ही नजर नहीं आई तो अतिरिक्त पानी को लेकर यही कहा जा सकता है का गांव बस्यो कोनी मंगता पैल्या ही आगा।
3/related/default