झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): शहर के चूणा चौक स्थित आशीर्वाद पैलेस में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का गुरुवार को फूलो की होली के साथ समापन हो गया। अंतिम दिन व्यास पीठ से संत हरिशरण जी ने भगवान कृष्ण के रुक्मणी विवाह और सुदामा प्रसंग का वर्णन किया, जिसका श्रद्धालुओं ने श्रवण किया। संत हरिशरण जी ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का पहला विवाह विदर्भ देश की राजकुमारी रुक्मणी से हुआ था। कृष्ण ने रुक्मणी का हरण कर उनसे विवाह किया था। यह प्रसंग प्रेम और भक्ति की कहानी को दर्शाता है, जहां रुक्मणी ने कृष्ण को देखे बिना ही उनसे प्रेम कर लिया था। इस अवसर पर आयोजक तुलस्यान परिवार ने कथावाचक हरिशरण जी का पगड़ी पहनाकर स्वागत और अभिनंदन किया।
इसके बाद महाराज जी ने सुदामा चरित्र का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता हमें यह सिखाती है कि सच्ची मित्रता कैसे निभाई जाती है।
कथा के अनुसार, सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर मित्र श्री कृष्ण से मिलने द्वारिका पहुंचे। द्वारकाधीश के महल का पता पूछकर जब वे महल की ओर बढ़े, तो द्वारपालों ने उन्हें भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। सुदामा ने बताया कि वे कृष्ण के मित्र हैं। यह सुनकर द्वारपाल महल में गए और प्रभु को इसकी सूचना दी। सुदामा का नाम सुनते ही भगवान कृष्ण तेजी से द्वार की ओर भागे और सामने सुदामा को देखकर उन्हें अपने गले लगा लिया। सुदामा ने भी 'कन्हैया-कन्हैया' कहकर उन्हें गले लगाया। भगवान कृष्ण सुदामा को अपने महल में ले गए और उनका आदर-सत्कार किया। कथा के दौरान रुक्मिणी विवाह की सुन्दर झांकी के साथ फूलो की होली की जीवन्त झाँकी सजाई गई जो आकर्षण का केन्द्र रही। कथा का शुभारंभ व्यास पीठ पर भागवत पूजन आयोजक तुलस्यान परिवार के श्रीमती स्नेहलता एवं डॉ.डी.एन.तुलस्यान द्वारा किया गया। श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्थान के तत्वावधान और श्री केशरदेव देवकीनंदन तुलस्यान परिवार की ओर से आयोजित इस भागवत कथा के धार्मिक आयोजन में आशीर्वाद पैलेस हाउसिंग सोसायटी सहित शहर की अन्य धार्मिक—सामाजिक संस्थाएं भी सहयोगी है। आयोजक डाक्टर डी.एन.तुलस्यान ने बताया कि कुलदेवी श्री राणीसती जी दादीजी एवं पितृ कृपा से भागवत कथा के आयोजन में प्रतिदिन दोपहर दो से शाम छह बजे तक भागवत कथा के साथ हर दिन सुबह पांच बजे प्रवचन, सात बजे प्रभात फेरी का आयोजन एवं प्रति दिवस सामाजिक सरोकारों में सेवा कार्य भी किये गये। प्रति दिवस सुबह प्रभातफेरी एवं कथा समापन से पूर्व इस्कॉन मंदिर के हरिभक्तों की ओर से हरिकीर्तन का आयोजन भी आकर्षण का केंद्र रहा। भागवत पूजन मूलपाठ पंडित संजू के आचार्यत्व में विद्वान पंडितों द्वारा किया गया। शहर के प्रसिद्ध पुष्करजी केटर्स के हरीश तुलस्यान द्वारा प्रसाद की सुन्दर व्यवस्था की गयी एवं कथा स्थल को बहुत ही सुन्दर रूप से मां भगवती डायमंड आर्ट के आशीष तुलस्यान द्वारा सजाया गया। कथा का समापन आरती पश्चात सभी भक्तों को प्रसाद वितरण के साथ किया गया। इससे पहले कथा में उपस्थित विशिष्ट जनों को संत श्री हरिशरण जी महाराज ने दुपट्टा ओढ़ाकर राधा कृष्ण का प्रतीक चिन्ह भेंटकर आशीर्वाद दिया।
