अहीर जाति का भारतीय सेना में योगदान टॉपिक पर संदीप कुमार को मिली पीएच.डी. उपाधि

AYUSH ANTIMA
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अलवर (ब्रह्म प्रकाश शर्मा): राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर के समाज विज्ञान संकाय के अंतर्गत शोधार्थी संदीप कुमार को “अहीर जाति का भारतीय सेना में योगदान (अहीरवाल क्षेत्र के संदर्भ में 1857-2010 ई. तक)” टॉपिक पर किए गए शोध कार्य के लिए पीएच.डी. उपाधि प्रदान की गई है। संदीप कुमार ने यह शोध कार्य विश्वविद्यालय से संबद्ध बाबू शोभाराम राजकीय कला महाविद्यालय, अलवर के इतिहास विभाग में किया। इस शोध कार्य का निर्देशन डॉ.बाबूलाल खटीक, आचार्य, इतिहास विभाग, गौरी देवी राजकीय महिला महाविद्यालय, अलवर ने किया। इस शोध में संदीप कुमार ने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर वर्ष 2010 तक अहीर जाति, विशेष रूप से अहीरवाल क्षेत्र के सैनिकों द्वारा भारतीय सेना में दिए गए योगदान का गहन ऐतिहासिक अध्ययन किया है। शोध में यह दर्शाया गया है कि अहीर समाज ने देश की आजादी से लेकर स्वतंत्रता के बाद भी सीमाओं की रक्षा और राष्ट्रीय एकता में अपना अमूल्य योगदान दिया है। संदीप कुमार ने अपने शोध में ऐतिहासिक दस्तावेजों, अभिलेखों और सैन्य अभिलेखागारों के साथ-साथ अहीरवाल क्षेत्र के सैनिक परिवारों से प्राप्त साक्षात्कारों को भी शामिल किया है। इस अध्ययन में 1857 के संग्राम, प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध, 1962, 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों सहित कारगिल युद्ध तक के योगदान का भी विस्तृत विवरण दिया गया है। शोध निर्देशक डॉ.बाबूलाल खटीक ने बताया कि संदीप कुमार का यह शोध कार्य अहीर समाज के गौरवपूर्ण सैन्य इतिहास पर नई रोशनी डालता है और स्थानीय इतिहास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है। पीएच.डी. उपाधि प्राप्त करने पर विश्वविद्यालय परिवार, मार्गदर्शक तथा अहीरवाल क्षेत्र के शिक्षाविदों और सामाजिक संगठनों ने संदीप कुमार को बधाई दी है।
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