सिंघानिया विश्वविद्यालय के नवाचार की नई उड़ान: पांच संस्थाओं से हुए समझौता ज्ञापन

AYUSH ANTIMA
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पचेरी/झुंझुनू (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): सिंघानिया विश्वविद्यालय ने शिक्षा, अनुसंधान और उद्योग जगत के बीच समन्वय को मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ाते हुए चार प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इन समझौतों का उद्देश्य विद्यार्थियों को उद्योग आधारित शिक्षा, कौशल विकास, नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में अवसर प्रदान करना है। विश्वविद्यालय की ओर से हाल ही में निम्नलिखित संस्थाओं के साथ सहयोग किया गया है।
* एसीआईसी–बीएमयू फाउंडेशन (ACIC–BMU Foundation)- इस सहयोग का उद्देश्य विश्वविद्यालय में स्टार्टअप और नवाचार संस्कृति को बढ़ावा देना है। बीएमएल मुंजाल विश्वविद्यालय (बीएमयू) फाउंडेशन के साथ समझौते से विद्यार्थियों को इनक्यूबेशन सपोर्ट, मेंटरशिप, उद्योग संपर्क और परियोजना फंडिंग जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे वे अपने नवीन विचारों को वास्तविक स्वरूप दे सकें।
* स्किल्स ऑक्सीजन एलएलपी (Skills Oxygen LLP – SkillO)- इस साझेदारी के अंतर्गत विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करेगा। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को रोज़गारोन्मुख तकनीकी कौशल प्रदान करना और उन्हें आधुनिक उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करना है। साथ ही शिक्षकों के लिए भी प्रशिक्षण और क्षमता-विकास कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
* विश्व लघु एवं मध्यम उद्यम संघ (World Association for Small and Medium Enterprises – WASME)- इस अंतरराष्ट्रीय संगठन के साथ समझौते का लक्ष्य विद्यार्थियों को उद्यमिता, नवाचार और वैश्विक व्यापारिक दृष्टिकोण से जोड़ना है। विश्वविद्यालय और यह संघ मिलकर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करेंगे जिनसे विद्यार्थी लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के क्षेत्र में अवसर प्राप्त कर सकें।
* भारतीय निजी विश्वविद्यालय परिसंघ (Confederation of Indian Private Universities – CIPU)- इस सहयोग से विश्वविद्यालय को नीति निर्माण, अकादमिक नेतृत्व, अनुसंधान और ज्ञान-विनिमय के क्षेत्र में नई दिशा मिलेगी। इस साझेदारी के माध्यम से फैकल्टी और विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर पर रिसर्च, नेटवर्किंग और विकास के अवसर प्राप्त होंगे।
* डिडैक इंडिया (DIDAC India) - इस सहयोग के अंतर्गत संयुक्त रूप से वर्कशॉप, प्रशिक्षण कार्यक्रम, और नॉलेज एक्सचेंज सेशन्स आयोजित किए जाएंगे। इन गतिविधियों से शिक्षकों की पेशेवर क्षमता में वृद्धि होगी और विद्यार्थियों के लिए भविष्य-उन्मुख शिक्षा पारिस्थितिकी का निर्माण होगा।
इन सभी समझौतों के माध्यम से सिंघानिया विश्वविद्यालय ने यह स्पष्ट किया है कि वह केवल डिग्री प्रदान करने वाला संस्थान नहीं, बल्कि नवाचार, कौशल विकास और उद्योग–शिक्षा सहयोग का केंद्र है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य विद्यार्थियों को ऐसे प्लेटफॉर्म प्रदान करना है, जहाँ वे अपने विचारों को साकार कर सकें और भविष्य के लिए बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, यह साझेदारी छात्रों को न केवल ज्ञान प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप तैयार करेगी, जिससे वे आने वाले समय में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सके और आने वाले समय में इन संस्थाओं के साथ मिलकर वर्कशॉप, प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रतियोगिताएँ और स्टार्टअप ड्राइव्स आयोजित की जाएंगी, जिससे विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

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