चिड़ावा (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): दीपावली के पावन अवसर पर जहां एक ओर हर कोई रौशनी और उल्लास में मग्न है, वहीं चिड़ावा की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बेसहारा और जरुरतमंद बच्चों के चेहरों पर भी इस बार रौशनी की चमक देखने को मिली। इसका श्रेय जाता है सरला पाठशाला को, जहां इन बच्चों के लिए पढ़ाई के साथ-साथ सांस्कृतिक और रचनात्मक गतिविधियों की भी विशेष व्यवस्था की जाती है।
दीपावली को लेकर बच्चों में खासा उत्साह देखा गया। उन्होंने अपने हाथों से मिट्टी के सुंदर दीपक बनाए और रंग-बिरंगी पेंटिंग्स भी तैयार कीं। इन गतिविधियों के जरिए बच्चों ने न सिर्फ अपनी रचनात्मकता दिखाई, बल्कि त्योहार की खुशी को भी अपने तरीके से महसूस किया। हालांकि पाठशाला में संसाधनों की काफी कमी है, फिर भी संचालिका अनिता पुनिया के अथक प्रयासों से बच्चों को शारीरिक, मानसिक और कलात्मक विकास की दिशा में मार्गदर्शन मिल रहा है। अनिता जी बताती हैं कि, हमारा प्रयास है कि इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाए और उन्हें एक बेहतर भविष्य दिय जाए।” इस मौके पर पाठशाला की समर्पित टीम – अंकिता, ममता, सविना और मोसम कुमारी,कृपा कुमारी मौजूद रही, जिन्होंने बच्चों के साथ मिलकर इस आयोजन को सफल बनाया।
सरला पाठशाला की यह पहल निश्चित ही समाज के लिए एक प्रेरणा है, जो बताती है कि थोड़े से प्रयास से भी बड़ी खुशियां बांटी जा सकती हैं।