पिलानी (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): बिरला स्कूल पिलानी ने अपने गौरवशाली इतिहास के स्वर्णिम पड़ाव पर प्रवेश किया। विद्यालय का 125वाँ वार्षिकोत्सव बुधवार, 15 अक्टूबर 2025 को उल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। पूरा विद्यालय परिसर इस अवसर पर सृजन, संस्कृति और सौहार्द के रंगों से सराबोर रहा। मंच विद्यार्थियों की कला, सृजनशीलता और उत्साह से आलोकित हो उठा। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में ब्रजेश ज्योति उपाध्याय (पुलिस अधीक्षक झुंझुनू) तथा अति विशिष्ट अतिथि के रूप में सत्यम मोहन (आईडीईएस, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, वाराणसी कैंटोनमेंट बोर्ड एवं विद्यालय के 2007 बैच के पूर्व छात्र) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से समारोह की शोभा बढ़ाई। अपनी कार्य प्रवृत्ति के कारण मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित राजीव कुमार शर्मा (डीजीपी राजस्थान, आईपीएस) वार्षिकोत्सव में नहीं आ पाए तो उन्हें अपनी वर्चुअल उपस्थिति से विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। एसएस नायर (निदेशक, बिरला शिक्षा संस्थान, सेवानिवृत्त मेजर जनरल, एवीएसएम) की प्रेरक उपस्थिति ने इस अवसर को और विशेष बना दिया। वार्षिकोत्सव का आयोजन तीन आकर्षक चरणों में सम्पन्न हुआ। प्रथम चरण के अंतर्गत प्रातः 9 बजे डे विंग (सीनियर) में आउटडोर डिस्प्ले का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने पीटी, ऐरोबिक्स, जुडो, लेजियम तथा बैंड वादन के माध्यम से अनुशासन, समन्वय और समूह भावना का शानदार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण “फायर रिंग जिमनास्टिक” रहा, जिसमें विद्यार्थियों ने जलते हुए छल्लों से अद्भुत कौशल के साथ छलांग लगाकर दर्शकों का दिल जीत लिया। अपराह्न 3:30 बजे रेजिडेंशियल विंग में विज्ञान एवं कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। विद्यार्थियों ने विज्ञान, गणित, भूगोल और कंप्यूटर जैसे विषयों में अपने मॉडल और प्रोजेक्ट प्रदर्शित किए। साथ ही चित्रकला, भित्तिचित्र, हैंडक्राफ्ट, पिस्ता के छिलकों से ड्रॉइंग एवं मृद्भांड कला की मनमोहक झलकियाँ भी प्रदर्शनी का आकर्षण बनीं। सायं 6 बजे स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया।
सांस्कृतिक संध्या में विद्यालय के प्राचार्य धीरेन्द्र सिंह ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए विद्यालय की वर्षभर की उपलब्धियों का सारगर्भित विवरण दिया। उन्होंने कहा कि वार्षिकोत्सव केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि विद्यार्थियों की प्रतिभा, परिश्रम और प्रगति का उत्सव है, जिसके माध्यम से अभिभावक अपने बच्चों के व्यक्तित्व के नये आयामों से परिचित होते हैं। इस अवसर पर विविध नृत्य, संगीत और नाट्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों को अभिभूत कर दिया। एलकेजी से कक्षा 6 तक विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत “श्रीराम, कृष्ण, शिव तांडव एवं देवी महिमा” पर आधारित भक्तिमय नृत्य द्वारा भारतीय पौराणिक गौरव दर्शाया गया, उन्होंने अपनी प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया। मणिपुरी शास्त्रीय नृत्य ‘कृष्णाभिसार’ में छात्र खेलजित (कक्षा 10) ने पारंपरिक नृत्यशैली की उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। अंग्रेज़ी नाटक ‘The Five Chapters of Bharat’ में भारत की विकास यात्रा को पाँच युगों — स्वतंत्रता, विकास, उदारीकरण, डिजिटल और विज़न 2047 — के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। कथानक में नारद मुनि की अदालत का मनोहर दृश्य रहा। वहीं हिंदी नाटक “बिंदु से सिंधु तक — 2047 का भारत” में विद्यार्थियों ने भारत की सांस्कृतिक जड़ों और भविष्य की कल्पना को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया, जो आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत की झांकी बन गया। संगीत प्रस्तुति में विद्यालय के रॉक बैंड ने 50 वाद्य यंत्रो के साथ अपनी उत्कृष्ट ताल और स्वर से वातावरण को ऊर्जा से भर दिया। कार्यक्रम के समापन पर ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भव्य नृत्य -प्रस्तुति ने दर्शकों को भाव - विभोर कर दिया। विद्यालय के इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में पवन वशिष्ठ (प्राचार्य, बिरला शिशु विहार), अचला वर्मा (प्राचार्य, बिरला बालिका विद्यापीठ), काजल मारवाहा (प्राचार्या, बिरला पब्लिक स्कूल) नितेश कुमार सिंह (प्राचार्य, बिरला पब्लिक स्कूल गंगानगर), एसके बरार (प्रधानाध्यापक, बिरला पब्लिक स्कूल) एसपी आनंद (प्रधानाध्यापक, डे विंग सीनियर), भूपन शर्मा (प्रधानाध्यापक, डे विंग जूनियर), शोभा वर्मा (मैनेजर बाल निकेतन), चंद्रशेखर शर्मा (प्राचार्य बाल निकेतन) भी उपस्थित रहे। विद्यालय के हैड बॉय आशीष, हैड गर्ल अनुषा (डे विंग सीनियर), आर्यन अग्रवाल (हैड बॉय, रेजिडेंशियल विंग) द्वारा विद्यालय की छात्र परिषद की तरफ धन्यवाद ज्ञापित किया गया। वार्षिकोत्सव समारोह का समापन राष्ट्रगान द्वारा किया गया।