परोपकार जीव को त्याग करने के लिए प्रेरित करता है: आचार्य सुन्दर सागर

AYUSH ANTIMA
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निवाई (लालचंद सैनी): सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वावधान में श्री सहस्त्रकूट विज्ञातीर्थ पर आचार्य सुन्दर सागर महाराज का भव्य मंगल प्रवेश एवं 22वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ का मोक्ष कल्याण बड़ी धूमधाम से मनाया गया। विज्ञातीर्थ के अध्यक्ष सुनील भाणजा ने बताया कि आचार्य सुन्दर सागर महाराज वनस्थली मोड पर स्थित औद्योगिक क्षेत्र की अर्हम सीमेंट फेक्ट्री से बुधवार को सुबह गाजे-बाजे के साथ रवाना होकर विज्ञातीर्थ पहुचे, जहां आचार्यश्री का भव्य मंगल प्रवेश हुआ। विज्ञातीर्थ पर आर्यिका ज्ञानश्री माताजी एवं ज्ञायकश्री माताजी ने आचार्यश्री की भव्य अगवानी की। इसके पश्चात आचार्यश्री ने भगवान शांतिनाथ के दर्शन किए एवं अभिषेक एवं शांतिधारा करवाई। उन्होंने बताया कि विज्ञातीर्थ पर शांतिधारा करने का सोभाग्य महावीर प्रसाद पराणा को मिला। उसके पश्चात भगवान नेमीनाथ का मोक्ष कल्याणक धूमधाम से मनाया गया। जिसमें निर्वाण काण्ड बोलकर निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। लाडू चढ़ाने का सौभाग्य अशोक कुमार जैन सिरस को मिला। आचार्यश्री ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि झुठ बोलना सबको पसंद है लेकिन झुठे का फल किसी को पसंद नहीं है। उन्होंने कहा कि परोपकार जीव को त्याग करने के लिए प्रेरित करता है। त्याग ही ईश्वर दर्शन का मार्ग है। इस अवसर पर विष्णु बोहरा, योगेंद्र सिंघल, महेंद्र सारसोप, हर्षित संघी, नेहरू बड़ागांव, सुनील भाणजा, नवरत्न टोंग्या व राजेश सांवलिया सहित जयपुर निवाई टोंक चाकसू के कई श्रद्धालु मौजूद थे।

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