जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): राष्ट्रपति भवन में गुरुवार को विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिष्ठित जनजातीय लोगों के एक समूह ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य और विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर, जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम तथा जनजातीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री दुर्गादास उइके भी उपस्थित रहे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनजातीय समुदाय की सांस्कृतिक विरासत, पारंपरिक ज्ञान और जीवनशैली की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत की बहुलता और विविधता को सशक्त बनाता है। उन्होंने कहा कि समावेशी और टिकाऊ विकास के लिए जनजातीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। यह संवाद सरकार की सहभागी और विकेन्द्रीकृत शासन व्यवस्था को बढ़ावा देने की पहल के तहत जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य जनजातीय समाज के सुझावों, अनुभवों और चिंताओं को नीति निर्माण में शामिल करना है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने देश के विभिन्न राज्यों से आए जनजाति के प्रतिष्ठजनों के साथ सहभोज किया। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी राजस्थान के एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नारायण मीना ने राष्ट्रपति को जनजाति शौर्य के प्रतीक मेवाड़ के 'राणा पूंजा भील' का स्मृति चिन्ह भेट किया। नारायण मीना के साथ मोर्चा के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारीगण ने भी राष्ट्रपति से भेट की और राज्य के जनजातीय समाज से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।