डिजायर सिस्टम" बना विवाद का कारण, स्थानांतरण प्रक्रिया को बताया सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन

AYUSH ANTIMA
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झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) ने राज्य में शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर गंभीर आपत्ति जताते हुए डिजायर सिस्टम को राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) नियम 1971 का खुला उल्लंघन बताया है। इस संबंध में संघ के प्रशासनिक अध्यक्ष एवं मुख्य संरक्षक सियाराम शर्मा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तुरन्त हस्तक्षेप की मांग की है। संघ के प्रदेश मुख्य महामंत्री उम्मेद सिंह डूडी ने जानकारी देते हुए बताया कि शर्मा ने मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में उल्लेख किया है कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा सभी विभागों में स्थानांतरण पर रोक लगाई गई है। इसके बावजूद शिक्षामंत्री के कार्यालय द्वारा विधायकों को भेजे गए प्रपत्र के माध्यम से शिक्षा विभाग में स्थानांतरण प्रस्ताव 15 जून 2025 तक मांगे गए हैं। इन प्रस्तावों को एक्सेल शीट की सॉफ्ट कॉपी व हस्ताक्षर युक्त हार्ड कॉपी के रूप में संबंधित विधायक की अधिकृत ईमेल से शिक्षामंत्री को ईमेल करने के निर्देश दिए गए हैं। इस प्रपत्र के अनुसार प्राचार्य, उप प्राचार्य, व्याख्याता, द्वितीय श्रेणी शिक्षक, मंत्रालयिक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के अधिकतम 70 प्रस्तावों को भेजना है। यह प्रपत्र सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। डूडी ने बताया कि शिक्षक संघ ने यह गंभीर प्रश्न उठाया है कि इन 70 स्थानांतरण प्रस्तावों के चयन का आधार क्या है? पहली बार ऐसा हो रहा है कि स्थानांतरण पर रोक के बावजूद विधायकों से प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं, जबकि स्थानांतरण की पारंपरिक प्रक्रिया में इच्छुक कर्मचारियों से आवेदन मांगे जाते हैं। संघ का यह भी आरोप है कि एक गोपनीय स्थानांतरण सूची पहले ही तैयार कर ली गई है, जिसे मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद जल्द ही जारी किया जा सकता है। ऐसे में यह स्थानांतरण उद्योग को जन्म देने वाला कदम प्रतीत हो रहा है। डूडी ने यह भी बताया कि राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) नियम 1971 के नियम 24 के अनुसार, कोई भी राजसेवक अपने सेवा संबंधी कार्यों के लिए राजनीतिक दबाव नहीं बना सकता। इसके समर्थन में उन्होंने कार्मिक विभाग द्वारा पूर्व में जारी किए गए आदेशों का भी हवाला दिया। संघ ने यह स्पष्ट किया है कि भाजपा ने सत्ता में आने से पूर्व पारदर्शी स्थानांतरण नीति लाने का वादा किया था, लेकिन बिना किसी स्पष्ट नीति के चहेते कर्मचारियों के स्थानांतरण करने से सरकार की छवि धूमिल होगी और शिक्षकों में व्यापक असंतोष फैलेगा। संघ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं कई बार यह कह चुके हैं कि जनप्रतिनिधियों को स्थानांतरण जैसे विषयों से दूर रहना चाहिए, लेकिन राज्य सरकार उनके निर्देशों की अवहेलना कर रही है। शिक्षक संघ (सियाराम) ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस संवेदनशील विषय पर गंभीरता से विचार कर डिजायर सिस्टम को तत्काल निरस्त किया जाए और निष्पक्ष स्थानांतरण नीति के तहत कार्यवाही की जाए।

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