निजी स्कूलों द्वारा फीस, किताब, ड्रेस और ट्रांसपोर्ट का मामला पहुंचा मानवाधिकार आयोग, संयुक्त अभिभावक संघ के पदाधिकारी भी हुए पेशी में शामिल, रखा अभिभावकों का पक्ष

AYUSH ANTIMA
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जयपुर (अतुल जैन): प्रदेश में निजी स्कूलों द्वारा फीस, किताब, ड्रेस, ट्रांसपोर्ट में मनमानी लूट का मामला अब राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग पहुंच गया है, आयोग ने मीडिया में प्रकाशित खबरों के माध्यम पर स्वयं संज्ञान लेकर 03 अप्रैल 2025 को शिक्षा सचिव और शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों सहित संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू को नोटिस 6 मई को पेश होने का आदेश देते अपना पक्ष रखने का कहा था, जिसमें संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश महामंत्री संजय गोयल और प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू मानव अधिकार आयोग के समक्ष पेश हुए और अपना पक्ष रखा। अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि स्कूलों की मनमानी लूट का शिकार प्रदेश का प्रत्येक अभिभावक हो रहा है। स्कूल फीस का मामला हो किताबों, ड्रेस और ट्रांसपोर्ट व्यवस्था का मामला हो निजी स्कूलों ने हर स्तर पर मनमानी कर रखी है। निजी स्कूलों पर जहां शिक्षा मंत्रालय, शिक्षा विभाग को कार्यवाही करनी चाहिए थी, उन्होंने तो की नहीं किंतु मानव अधिकार आयोग ने स्वयं संज्ञान लेकर प्रदेश के शिक्षा विभाग की पोल खोलकर सामने रख दी है। हमें खुशी है कि मानव अधिकार आयोग ने अभिभावकों की पीड़ाओं को समझा और विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के लिए चिंता जाहिर कर शिक्षा सचिव और अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी पेश होकर जवाब तलब किया। मंगलवार को हम भी आयोग के समक्ष पेश हुए और तथ्यों के साथ अभिभावकों का पक्ष रखा। तथ्यों में स्कूलों की फीस का रिकॉर्ड, विभिन्न किताबों के बिल, अभिभावकों के शिकायत पत्र इत्यादि के साथ अपना पक्ष आयोग को दिया गया।

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