बंद लिफाफे का मजमून पढ़ लेते हैं लोग

AYUSH ANTIMA
By -
0

एक कहावत है कि लोग बंद लिफाफे का मजमून पढ़ लेते हैं। इसी बात को चरितार्थ करती कल दो स्थानीय नेताओं की फोटो देखने को मिली। विदित हो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का पिलानी दौरा था, अपने चिर-परिचित अंदाज में जिले के नेताओं ने अलग अलग ढाणियों मे प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत सत्कार किया क्योंकि इसके पीछे उन स्थानीय नेताओं की निजी महत्वकांक्षा रही है। जैसा कि जिले मे किसी संगठन के बड़े नेता या मंत्री का दौरा होता है तो उनके स्वागत में जिला संगठन अलग अलग ढाणियों में बंट जाता है, जो वर्चस्व की लड़ाई को इंगित करता है। उसके बाद शुरू होता है सोशल मीडिया पर फोटो सैशन का दौर, उसी को लेकर एक फोटो पर चर्चा करना जरूरी हो जाता है, जो पिलानी विधानसभा के बनते नये राजनितिक समीकरण के साथ ही पिलानी विधानसभा के स्थानीय नेताओं की नींद में खलल डालने के लिए काफी है। 
यह फोटो है जिले के पूर्व जिलाध्यक्ष व चिडावा पंचायत समिति के पूर्व प्रधान की, कभी इन दोनों स्थानीय नेताओं में राजनीतिक अदावत यह थी कि एक दूसरे को फूटी आंख भी नहीं देखना पसंद करते थे लेकिन कहते हैं कि राजनीति में कोन, कब दुश्मन से दोस्त बन जाए पता ही नहीं चलता। इसी राजनीति के मूलभूत वसूल को अंगीकार करते हुए पूर्व जिलाध्यक्ष के राजनीतिक परिपक्वता में बदलाव देखने की दृष्टि से देखा जा रहा है। उन्होंने अतीत की गलतियों के सुधार के साथ के साथ नई राजनीतिक लंबी पारी खेलने का मानस बना लिया है। यह बात तो अभी अतीत के गर्भ में छिपी है, वैसे भाजपा मे कब किस नेता का सितारा चमक जाए, इसका अंदाजा मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को देखकर लगाया जा सकता है लेकिन स्थानीय राजनीतिक समीकरण की बात करें तो इस फोटो को देखकर विश्लेषण करने वाले कयास लगा रहे हैं कि पिलानी विधानसभा के स्थानीय भाजपा नेताओं को यह रास नहीं आ रहा क्योंकि इस नये समीकरण से उनको अपने  राजनीतिक भविष्य से चिंतित होना स्वाभाविक है। अब यह तो आने वाला समय ही निर्धारित करेगा कि इन नजदीकियों के क्या परिणाम होगे। वैसे आमजन में इस फोटो की चर्चा प्रदेश अध्यक्ष राठौड़ के दौरे से ज्यादा है।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!