कोटा में 4 माह में 14 और प्रदेश में 20 से अधिक विद्यार्थी कर चुके है आत्महत्या: सरकार और प्रशासन बिल्कुल भी गंभीर नहीं, अगर अभिभावक दोषी है तो कार्यवाही करे, केवल दोष लगाकर खानापूर्ति ना करे: संयुक्त अभिभावक संघ

AYUSH ANTIMA
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जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): शिक्षा नगरी कोटा शहर ही नहीं अपितु राजस्थान प्रदेश एक बार फिर शर्मशार हो गया है, साल की शुरुवात से जो आत्महत्याओं का सिलसिला शुरू हुआ था वह रुकने की बजाय सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए नजर आ रहा है, अकेले कोटा शहर में इन 4 माह में 14 और पूरे राजस्थान की बात करे तो 20 से अधिक विद्यार्थियों ने अब तक आत्महत्या कर ली है। अभी सोमवार को भी एक विद्यार्थी ने दबाव में आकर आत्महत्या कर ली है, जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्य सरकार और प्रशासन पर विद्यार्थियों के प्रति गंभीरता नहीं बरतने का आरोप लगाया है, साथ ही यह भी कहा है कि विद्यार्थी ना केवल आत्महत्या कर अपने परिवारों का संकट बढ़ा रहे है बल्कि उन शिक्षा माफियाओं का भी संरक्षण कर रहे है, जिसके चलते आत्महत्याओं के मामले लगातार बढ़ रहे है। संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि जिस प्रकार से अकेले कोटा ही नहीं बल्कि राजस्थान में विद्यार्थियों के आत्महत्याओं के मामले लगातार बढ़ रहे है, उससे साफ जाहिर होता है कि राज्य सरकार और शिक्षा विभाग निजी शिक्षा माफियाओं के दबाव में आकर कार्य कर रहे है, इसलिए आज तक आत्महत्याओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है। जिससे विद्यार्थियों के प्रति राज्य सरकार की गंभीरता का स्पष्ट उदाहरण साफ तौर पर देखा जा सकता है। एक तरफ सरकार और प्रशासन विद्यार्थियों की आत्महत्या के लिए उनके अभिभावकों को दोषी ठहराते है, वहीं दूसरी तरफ उन्हीं दोषियों पर कोई सजा का प्रावधान नहीं करते है। अगर विद्यार्थी के माता-पिता दोषी है तो पुलिस प्रशासन कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा है। देश के भविष्य के साथ जो लोग दोषी है, उन्हें सख्त से सख्त सजा मिले, चाहे वह कोचिंग संचालक हो या फिर अभिभावक या अन्य कोई ओर।
अभिषेक जैन ने कहा कि विभिन्न प्रकरणों में स्पष्ट तौर पर देखा गया है कि शिकायतों पर सुनवाई नहीं होने के चलते विद्यार्थी आत्महत्या कर रहे है। आज प्रदेश में निजी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर के मामलों को लेकर किसी भी पुलिस स्टेशन में चले जाओ, कोई शिकायत दर्ज नहीं होती है, उल्टे इन माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाने पर तत्काल शिकायत दर्ज हो जाती है। शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री को शिकायत भेजने के बावजूद यह लोग बोलते है कि हमारे पास अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है, शिकायत आएगी तो कार्यवाही करेंगे। अभी डेढ़ माह पहले राजधानी के मानसरोवर के थड़ी मार्केट में सरदार पटेल स्कूल में पढ़ने वाली 10 वर्षीय छात्रा जो 5 वीं कक्षा में पढ़ती थी ने शिक्षकों के दबाव में आकर आत्महत्या कर ली थी, शिप्रा पथ थाने में शिकायत भी दर्ज है किंतु आज तक अभिभावकों को न्याय नहीं मिला, आरोपी शिक्षक आराम से घूम फिर रहे है और अभिभावक अपनी बच्ची की याद में तड़प रहा है। 
*विद्यार्थियों से अपील*

अगर कही कोई दबाव हो या शिकायतों पर सुनवाई नहीं हो तो 9829566545 नंबर डायल या व्हाट्सएप करें। संयुक्त अभिभावक संघ ने विद्यार्थियों से अपील की है कि वह हताश और निराश होकर आत्महत्या जैसा कदम ना उठाएं, अगर कोई समस्या है, शिकायत है या फिर किसी भी तरह का दबाव है, कही कोई सुनवाई नहीं हो रही है तो 9829566545 मोबाइल नंबर डायल या व्हाट्सएप कर सकते है। संयुक्त अभिभावक संघ यथासंभव सहयोग देगा और प्रयास करेगा कि वह प्रत्येक विद्यार्थी और अभिभावक की मदद कर सके। साथ ही विद्यार्थियों से कहा कि आत्महत्या करने जैसा कदम प्रत्येक प्राणी को कायरता का प्रमाण देती है, थोड़ा धैर्य बनाएं और लड़ने की ताकत बनाएं, आज नहीं तो कल न्याय अवश्य मिलेगा लेकिन आत्महत्या कर शिक्षा माफिया हो या अन्य कोई अपराधी को बिल्कुल भी संरक्षण ना देवे।

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