कौन कहता है आंतकवाद का धर्म नहीं होता

AYUSH ANTIMA
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कांवड़ यात्रा में दुकानदारों की दुकानों के आगे नेम प्लेट लगाने को लेकर खूब बवाल हुआ था। विपक्ष इस पर विधवा विलाप कर रहा था तो कुछ लोग इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक चले गये थे लेकिन पहलगाम की दुखांत घटना जिसमें आतंकियो ने सैलानियों का धर्म पूछकर गोली मारी, इस पर विपक्ष या उन संगठनों के पास कोई जबाब है, जो यह कहते रहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पूरा देश व्यथित व निशब्द है कि आखिर भारत मां के भाल पर उन सैलानियों के खून के छींटें डाल दिये, जो केवल गर्मी की छुट्टियां मनाने अपनी पत्नी व परिवार के साथ घूमने गये थे। विदित हो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक चुनावी सभा में कहा था कि वे आपका मंगलसूत्र उतार लें जायेंगे। भारतीय सुहागन का मंगलसूत्र उसका पति होता है और आज आतंकियों ने उनका मंगलसूत्र उतार लिया। पहलगाम की दुखद घटना ने मोदी के कथन को सही साबित कर दिया। जिन लोगो को मौत के घाट उतार दिया गया, उनमें से अधिकांश युवा थे। विडियो में पत्नियों को पति के शव पर बिलखते देखा गया। हृदय विदारक दृश्य तो यह है कि जो युवा जोड़े शादी के बाद हनीमून मनाने गये थे, उन्हें भी नहीं बक्शा गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सऊदी यात्रा को बीच में ही विराम देकर तुरंत दिल्ली पहुंचे। उनका जनता के प्रति समर्पण, राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व और हर भारतीय की सुरक्षा को सर्वोपरि मानने वाला भाव इसी से इंगित होता है कि हवाई अड्डे पर ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार व विदेश मंत्री से हाई लेबल मीटिंग ली। सीमा पार से घुसपैठ व आतंकवाद की मार झेल रहा भारत और इसको लेकर पूरा विश्व भी जानता है कि पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री बन चुका है लेकिन जिस तरह से इस दुखांतिका को अंजाम देकर आतंकवादीयो ने मोदी को ललकारा है, शायद वे भूल गये कि यह वही मोदी है, जिसने घर में घुसकर बदला लिया था। 370 खत्म होने के बाद जम्मू व कश्मीर की फिजां बदल गई थी। सैलानियों का रूझान जम्मू कश्मीर की तरफ होने से वहां रह रहे लाखों परिवारों को रोजगार मिला था और उनके परिवारों में खुशियां आ गई थी लेकिन इस तरह की आतंकी घटना जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए भी दुखदाई भरा सबब है। भारत में मुसलमान बहुत ही सुरक्षित है, उनको यह नहीं भूलना चाहिए यदि वे यह सोचते हैं कि सुरक्षित नहीं है तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बंगलादेश जैसे देश के हालातों पर नजर डालें कि मुसलमान बहुसंख्यक होने के बावजूद वहां मुसलमान आतंकवाद का शिकार हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश निश्चित रूप से सुरक्षित हाथों में है और आतंकवाद को कुचलने का साहस भी है, जो आने वाले समय में दिखाई देगा लेकिन जो नेता, संगठन आतंकवाद की पैरवी करते हुए यह कहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, उनको पहलगाम की इस दुखद घटना को देखना होगा कि धर्म को पूछकर ही गोलियां बरसाई गई थी।

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