अलवर (मनीष अरोडा़): मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी में ससम्मान वापस लेने के लिए अलवर शहर से जिला पुरुषार्थी समिति के प्रतिनिधि मंडल ने भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ से मुलाकात की। साथ ही प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा राजस्थान मुकेश दाधीच, पूर्व आवासन मंडल मंत्री अजय पाल सिंह को भी ज्ञापन दिया। प्रदेश कार्यालय प्रभारी भारतीय जनता पार्टी को मुख्यमंत्री के नाम भी ज्ञापन दिया। अलवर से जयपुर गए जिला पुरूषार्थी समिति के प्रतिनिधि मंडल ने भाजपा के पदाधिकारियों को अवगत करवाया कि ज्ञानदेव आहूजा सर्व समाज के नेता हैं और वह भारतीय जनता पार्टी में संघ से जुड़े हुए एक सच्चे, ईमानदार, निष्ठावान, पार्टी के सच्चे सिपाही हैं। उन्होंने सदैव समाज से उठकर पार्टी हित में कार्य किए हैं, जिसका एक जीता जागता उदाहरण आहूजा का तीन बार रामगढ़ से विधायक बनना हैं। जयपुर से लौटे प्रतिनिधि मंडल के महेश खत्री ने बताया कि रामगढ़ में भी दलितों के लिए आहूजा कभी पीछे नहीं हटे और दलित उत्थान को समर्पित रहे हैं। वही रमेश नरवानी का कहना था की आहूजा के द्वारा दिए गए बयान में कहीं भी दलित शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है, उस बयान को गलत तरीके से लिया गया। पुरुषोत्तम मनचंदा ने बताया कि आहूजा भाजपा के कट्टर सिपाही है और उन्होंने अपना जीवन भाजपा के नाम ही कर दिया है। जयपुर से लौटे प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि रामगढ़ में दलित परिवार भी मौजूद है और आहूजा को विधायक बनाने में दलितों का पूर्ण समर्थन था। उनको दलित समाज ने अच्छे मतों से विजयी बनाया और उनके साथ रहे और आहूजा ने कभी भी किसी भी जाति से भेदभाव नहीं किया। यहां तक कि उनके घर में कार्य करने वाले सहयोगी भी दलित समाज से है। आहूजा का उद्देश्य था सब जातियां बराबर होती है। उन्होंने हमेशा पार्टी के लिए कार्य किया है। आहूजा ने सांगानेर से जब निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बनाया तो पार्टी के एक ही ऐलान पर उन्होंने अपना नाम वापस लेकर पार्टी के साथ जुड़कर पार्टी को विजयी बनाया। ऐसे भारतीय जनता पार्टी के सच्चे सिपाही को इस तरीके से पार्टी से बाहर करना पुरुषार्थी समाज के लिए बहुत ही दुखद है। ज्ञानदेव आहूजा की पुरुषार्थी समाज में एवं सभी 36 बिरादरियों में अच्छी साफ सुथरी छवि है। एक मंडल सदस्य ने कहा कि ज्ञानदेव के पर्सनली टीकाराम जूली से भी बहुत ही अच्छे सम्बन्ध हैं। आहूजा ने कांग्रेस पार्टी की राम विरोधी नीतियों का विरोध किया है। वे पूर्व में ही यह घोषणा कर चुके थे कि भगवान श्रीराम का अस्तित्व नकारने वाले कांग्रेसी मन्दिर में आयेंगे तो गंगाजल छिड़ककर पवित्र किया जायेगा। प्रतिनिधि मंडल में पुरुषार्थी जिला समिति के राजेश सेतिया, केके मदान, पुरुषोत्तम मनचंदा, महेश खत्री, विशाल गांधी, तिलक राज, डिंपल, रमेश नारवानी थे।
आहूजा को ससम्मान पार्टी में वापस लेने के क्रम में प्रतिनिधि मंडल ने भाजपा पदाधिकारियों से की मुलाकात
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April 22, 2025
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