अलवर (मनीष अरोड़ा): खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि जिले में सरकारी सड़कों को भी अपने स्वार्थ के लिए विस्फोट करके उड़ाने से वह नहीं घबराते हैं। ऐसा ही एक वाकया रामगढ़ क्षेत्र में देखने में आया है। रामगढ़ नगर पालिका क्षेत्र के गांव सरहेटा से दोहली वाया बर्डोद की और जाने वाली डामर सड़क मार्ग को दो वर्ष पूर्व पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा ठेकेदार के माध्यम से बनवाया गया है। इस सड़क मार्ग में चेजा पत्थरों की उपलब्धता होने के चलते अवैध खनन माफिया द्वारा सड़क मार्ग को ही विस्फोटक पदार्थ का उपयोग कर तोड़ा जा रहा है, जिससे सड़क मार्ग पर लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की शिकायत पर चार दिन पूर्व 15 अप्रेल को रामगढ़ पीडब्ल्यूडी विभाग की सहायक अभियंता खुशबू मीणा द्वारा पोपलेन मशीन से अवैध खनन करने वाले जाकिर पुत्र हिम्मत खां निवासी माचडी तहसील रैणी जिला अलवर के खिलाफ रामगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसके बावजूद भी उसके हौंसले इतने बुलंद रहे की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद भी इस सड़क मार्ग पर खनन और विस्फोट जारी रखा। 18 अप्रैल को प्रातः दस बजे के आसपास नगर पालिका में कार्यरत जेसीबी मशीन द्वारा सड़क किनारे सफाई कार्य किया जा रहा था कि खननकर्ता द्वारा बिना किसी को सूचना दिए विस्फोट कर दिया, जिससे पत्थर उछलकर दूर तक चले गए, जिससे जेसीबी मशीन के शीशे टूट गए और पत्थरों की चोट से जेसीबी चालक बेहोश होकर गिर पड़ा, साथ ही राहगीरों को भी चोटें आई। इस बारे में लोगों द्वारा विस्फोट कर्ता से कहा तो उसने धमकाते हुए कहा कि हम तो ऐसे ही करते रहेंगे, हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, तुमसे जो हो सके कर लो। लोगों द्वारा जेसीबी आपरेटर धर्मवीर सिंह पर पानी के छीटे मार होश में लाया गया। उसके बाद इस मामले में जेसीबी आपरेटर धर्मवीर सिंह पुत्र सूरजभान निवासी कतोपुर थाना कोटकासिम जिला खैरथल तिजारा द्वारा विस्फोट कर्ता जाकिर पुत्र हिम्मत खां निवासी माचडी थाना रैणी जिला अलवर के खिलाफ रामगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। गौरतलब है कि चार दिन पूर्व इसी मामले में खनन माफिया जाकिर पुत्र हिम्मत खां के खिलाफ पीडब्ल्यूडी की सहायक अभियंता खुशबू मीणा द्वारा भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। अभी तक कोई कार्यवाही नहीं होने से आरोपी के हौसले बुलंद हैं। विस्फोट और खनन के कारण करीब डेढ़ सौ मीटर सड़क में गड्ढे हो गए हैं, मार्ग अवरूद्ध हो गया है। अब देखने लायक बात यह है कि सरकारी संपत्ति को अपने निजी स्वार्थ के लिए हानि पहुंचाने के चलते इन खनन माफियाओं पर सरकार कितना और कब एक्शन लेती है, यह देखने का विषय रहेगा।
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