पुष्कर/अजमेर: पुष्कर के प्रेम प्रकाश आश्रम में ब्रह्मा श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ आयोजन के चतुर्थ दिवस रविवार को व्यास पीठ से कथामृत बरसाते हुए कथावाचक श्रीमान्माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य पुंडरीक गोस्वामी ने कहा कि कामना की पूर्ति बहुत श्रेष्ठ बात है किंतु कामना की निवृत्त हो जाना सर्वश्रेष्ठ बात है। उन्होंने श्रोताओं को कहा कि जब भगवद प्राप्ति की कामना होती है तो वही वैराग्य है। गोस्वामी ने ब्रह्माजी द्वारा भगवान की स्तुति का द्वादश श्लोक समझाते हुए बताया कि भगवान अधोक्षज है, अतीन्द्रिय है। यह कथा आयोजक परिवार पंडित सुरेश शास्त्री, नरेंद्र शर्मा, वेंकटेश शर्मा द्वारा कराई जा रही हैं। शर्मा ने बताया कि सोमवार को नन्दोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। उन्होंने श्रोताओ से यह भी कहा कि कृष्ण होना अपने आप जीवन में विदर्शन बना देता है। गोस्वामी में कथा के दौरान श्रोताओं को कहा प्रार्थना में भी विनम्रता होनी चाहिए। सरल व्यक्ति को बड़ी विनम्रता से अपने अच्छे से अच्छे कार्य में अपने यद् किंचित दोष है, उसका अनुभव हो जाता है। गोस्वामी महाराज ने व्यासपीठ से निवेदन किया कि युवा पीढ़ी को शस्त्र एवं शास्त्र का ध्यान रखने की आवश्यकता है। महाराज ने बताया कि कैसे संतो के संकल्प मात्र से पापियों का उद्धार हो जाता है, कैसे क्रूर जगाई मधाई के कल्याण की कहानी सुनाई।
गज मोक्ष की कल्याणकारी कथा सुनाई। कथा में चौसठ प्रकार के भक्ति के अंग बताए गए है। भक्त प्रहलाद की भक्ति की कथा एवं नृसिंह भगवान द्वारा हृण्यकश्यप के उद्धार की कथा सुनाई।
भगवान श्रीराम का पंचामृत अभिषेक करके धूमधाम से व्यासपीठ से जनमोत्सव मनाया गया। भक्तों में बहुत बधाइयां बांटी गई। श्रद्धालुओं में बहुत उत्साह देखने को मिला, साथ ही में बहुत धूमधाम से कृष्ण जन्मोत्सव भी किया। व्यासपीठ ने बताया सोमवार को कथा की शुरुवात नंदोत्सव से होगा। कथा में विश्वविख्यात राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित नाथूलाल सोलंकी ने नगाड़ा की सुंदर प्रस्तुति दी।
कथा में श्रीब्रह्मा सावित्री वेद विघालय के वेदपाठी बालकों व आचार्य ने स्वस्तिवातन किया व कथा को श्रवण किया। व्यासपीठ से गोस्वामी महाराज ने रामजन्म भूमि न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी के विचारों की प्रशंसा की।