झुंझुनूं के होनहार छात्रों में 'क्वांटम सैटेलाइट' के प्रति रुचि

AYUSH ANTIMA
By -
2 minute read
0


झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): पिलानी स्थित एक निजी स्कूल के 6 मेधावी छात्र क्वांटम सैटेलाइट के प्रति रुचि रखते हैं। यह सैटेलाइट आधुनिक क्वांटम तकनीक पर आधारित हैं, जो भविष्य में डेटा संचार को न केवल अधिक सुरक्षित बल्कि विश्वसनीय भी बनाएगा। बुधवार को इन छात्रों ने जिला कलेक्टर रामावतार मीणा से मुलाकात की और विस्तृत जानकारी साझा की। बच्चों ने क्वांटम सैटेलाइट तकनीक को जानने के लिए लद्दाख के हानले मे स्थित इसरो स्टेशन पर जाने की इच्छा जाहिर की। कलेक्टर ने छात्रों की इस पहल की सराहना करते हुए उन्हें जिला प्रशासन की ओर से पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।
जिला कलेक्टर ने इस प्रोजेक्ट को सहयोग करने की बात कही और कहा, मुझे गर्व है कि झुंझुनूं के बच्चे विज्ञान की इतनी उन्नत दिशा में कार्य कर रहे हैं। स्कूल निदेशक डॉ.राजकुमार कादियान ने बताया कि मेंटर शिवम सोनी के निर्देशन में स्कूल के छात्र सेजल सोनी, मुस्कान अहलावत, दिशा साईं पंवार, निखिल चौधरी, आदित्य पूनिया व यशवर्धन किरोड़ीवाल जटिल वैज्ञानिक अवधारणाओं को सरलता से समझते हुए नवाचार की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

*क्या है क्वांटम सैटेलाइट*

क्वांटम सैटेलाइट एक ऐसी उन्नत तकनीक पर आधारित उपग्रह है, जो क्वांटम भौतिकी के सिद्धांतों, खास तौर पर क्वांटम संचार (quantum communication), को लागू करता है। यह पारंपरिक सैटेलाइट्स से अलग होता है क्योंकि यह डेटा ट्रांसमिशन के लिए क्वांटम कणों, जैसे कि फोटॉनों (प्रकाश कणों), का उपयोग करता है। इसका मुख्य उद्देश्य अति-सुरक्षित संचार प्रदान करना है, जिसे क्वांटम क्रिप्टोग्राफी के जरिए हासिल किया जाता है। क्वांटम सैटेलाइट का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण चीन का "माइसियस" (Micius) है, जिसे 2016 में लॉन्च किया गया था। यह दुनिया का पहला क्वांटम संचार उपग्रह था। माइसियस ने क्वांटम की-डिस्ट्रीब्यूशन (quantum key distribution - QKD) का उपयोग करके दो दूरस्थ स्थानों के बीच सुरक्षित संचार स्थापित किया। QKD में, क्वांटम कणों की विशेषता का फायदा उठाया जाता है कि अगर कोई तीसरा पक्ष (हैकर) संचार को बाधित करने की कोशिश करता है, तो कणों की स्थिति बदल जाती है और यह पता चल जाता है। इस तरह, यह तकनीक हैकिंग को असंभव बना देती है। सामान्य शब्दों में कहें तो क्वांटम सैटेलाइट एक ऐसा उपग्रह है, जो अंतरिक्ष से सुरक्षित संचार के लिए क्वांटम विज्ञान का इस्तेमाल करता है। यह तकनीक भविष्य में इंटरनेट, सैन्य संचार, और डेटा सुरक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला सकती है।

*भारत और क्वांटम सैटेलाइट*

भारत भी इस दिशा में काम कर रहा है। ISRO और DRDO क्वांटम कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी पर रिसर्च कर रहे हैं और भविष्य में भारत का खुद का क्वांटम सैटेलाइट लॉन्च करने का लक्ष्य है।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!