राजस्थान के मुख्यमंत्री शेखावाटी का दो दिवसीय दौरा काफी अहम होगा। 19 अप्रेल को सीकर, 20 अप्रेल को झुंझुनू व 21 अप्रेल को चुरू जिले का दौरा प्रस्तावित है। शेखावाटी के दौरे में मुख्यमंत्री कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों से सीधा संवाद करने के साथ ही फीडबैक लेंगे। विदित हो मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा संगठन के माहिर माने जाते हैं और संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर यह संदेश देने की कोशिश करेंगे कि उनकी सुनवाई करना सरकार की पहली प्राथमिकता है। जैसे कि भजन लाल शर्मा सरकार पर आरोप लगते रहे हैं कि सरकार पर अफसरशाही हावी है, इसको लेकर जयपुर के एक विधायक ने बुलडोजर कारवाई को लेकर अफसरशाही हावी होने का आरोप लगाया था। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी बांसवाड़ा में जल जीवन मिशन में अनियमितता को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुकी है और उन्होंने भी अफसरशाही हावी होने की बात कर चुकी है। मुख्यमंत्री का यह दौरा व भाजपा के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों में उपजे असंतोष को शांत करने की कवायद हो सकती है, जैसा कि यह आम चर्चा है कि कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होती है। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री का 20 तारीख को रात्रि विश्राम पिलानी का है। यह पिलानी के लिए सौभाग्य की बात है कि मुख्यमंत्री पिलानी में रात्रि विश्राम करेंगे। इसको लेकर स्थानीय नेताओं को पिलानी विधानसभा ख़ासकर पिलानी में जल संकट को लेकर पुरजोर मांग उठाने की जरूरत है। विदित हो झुंझुनूं जिला पानी को लेकर डार्क जोन घोषित हो चुका है व नलकूप बनवाना कोई स्थायी समाधान नहीं है क्योंकि जमीन में पानी की प्रचुरता खत्म हो चुकी है। आयुष अंतिमा (हिन्दी समाचार पत्र) ने इस मुद्दे को लेकर अपने लेखों में बार बार लिखा है कि पिलानी विधानसभा के लिए पीने के पानी का स्थायी समाधान केवल और केवल कुंभाराम लिफ्ट परियोजना से पिलानी विधानसभा को जोड़ना है। यदि मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर संवेदनशीलता का परिचय देते हैं तो इस गर्मी के मौसम में पिलानी विधानसभा को पानी मिल सकता है। इस दौरे को लेकर पिलानी विधानसभा का आवाम मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की तरफ कातर निगाहों से देख रहा है कि कुंभाराम लिफ्ट परियोजना को लेकर कोई घोषणा हो और इस पर युद्ध स्तर पर काम हो तो तो पिलानी व पिलानी विधानसभा का आवाम को यह तौहफे से कम नहीं होगा। हालांकि भजन लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही हरियाणा सरकार से यमुना जल का ऐतिहासिक समझौता किया था। कांग्रेस ने यमुना जल को लेकर कोरी राजनीति की और कांग्रेस के एक कद्दावर नेता ने अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम क्षणो तक इस मुद्दे का खूब दोहन किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को लेकर बहुत संवेदनशील है। इसी को लेकर राजस्थान की डबल इंजन सरकार के मुखिया होने के नाते पिलानी के आवाम की एक मानवीय मांग है कि पिलानी का एकमात्र कालेज एमके साबू पीजी महाविद्यालय, जिसको इस सत्र से बंद करने का निर्णय ले लिया है। विदित हो इस महाविद्यालय में पिलानी व आसपास की सैकड़ों बालिकाएं शिक्षा ग्रहण करती हे यदि यह महाविद्यालय बंद हो गया तो बालिका शिक्षा में अवरोध पैदा हो जाएगा। इसको लेकर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से मांग है कि इस महाविद्यालय के भवन का अधिग्रहण कर इसको सरकारी महाविद्यालय का रूप दे दिया जाए ।
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