मानव समाज के लिए हरित प्रौद्योगिकी का विकास आवश्यक: प्रो.एसके सिंह, कुलपति

AYUSH ANTIMA
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कोटा (श्रीराम इंदौरिया): दादाबाड़ी स्थित राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालय मोदी इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में शिक्षाविदो, शोधार्थियों और विद्यार्थियों को प्रोद्योगिकी स्थिरता, सतत विकास, आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण पर अपने शोध कार्य को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से "सतत विकास के लिए हरित प्रौद्योगिकी" विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आरटीयू के सह जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि संगोष्ठी के मुख्य अतिथि राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के कुलपति प्रो.एस.के. सिंह थे। इस अवसर पर मोदी एजुकेशनल ग्रुप के चेयरमैन सुशील मोदी तथा ग्रुप डायरेक्टर राघव मोदी ने संगोष्ठी के उदघाटन सत्र में कुलपति प्रो.एस.के. सिंह का स्वागत किया। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो.एस.के. सिंह ने मोदी इंस्टीट्यूट के इस नवाचार की सराहना करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि हमारा समाज स्वच्छ और स्वस्थ रहे इसलिए हरित विज्ञान को बढ़ाना है। पर्यावरण स्वच्छ रहेगा तो मानव जीवन सुरक्षित रहेगा। वर्तमान समय में अनुसंधान को दृष्टि से ये एक महत्वपूर्ण विषय है। अगर बात हरित प्रौद्योगिकी की हो तो ये सतत विकास के लिए आवश्यक है। हरित प्रौद्योगिकी से किसान से लेकर समाज के सभी वर्गों के लोगों को फायदा है। ग्रुप डायरेक्टर राघव मोदी ने टाटा, महिंद्रा और टेस्ला कंपनियों के हरित तकनीक में योगदान के बारे में बताया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता कोटा विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.रीना दाधीच, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के पेट्रोलियम इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ.मुनीश बिंदल थे। इस अवसर पर राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रोफेसर एसडी पुरोहित भी उपस्थिति थे । कार्यक्रम के अंत में मोदी इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ.एनके जोशी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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